कांग्रेस-BJP छोड़ बाकी दलों से मुलाकात, अब UPA पर सवाल, ममता की रणनीति से किसे नफा-किसे नुकसान?
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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने सपने को साकार करने के लिए इन दिनों एक तरफ दूसरे दलों के नेताओं को तोड़कर अपने साथ मिलाने में जुटी हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी-कांग्रेस को छोड़कर बाकी अन्य दलों के साथ मेल-मिलाप कर उन्हें एकजुट करने की मुहिम पर लगी है.
प्रधानमंत्री मोदी के सामने 2024 में विपक्ष का चेहरा बनने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी से कवायद में जुट गई है. ममता अपने सपने को साकार करने के लिए इन दिनों एक तरफ दूसरे दलों के नेताओं को तोड़कर अपने साथ मिलाने में जुटी हैं तो दूसरी तरफ बीजेपी-कांग्रेस को छोड़कर बाकी अन्य दलों के साथ मेल-मिलाप कर उन्हें एकजुट करने की मुहिम पर लगी है. इतना ही नहीं ममता अब तो कांग्रेस के अगुवाई वाले यूपीए गठबंधन की प्रासंगिकता पर भी सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि ममता की रणनीति से किसे नफा और किसे नुकसान होगा?
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