
कर्नाटक में सीएम का नाम लगभग तय, सिद्धारमैया रेस में सबसे आगे... डीके शिवकुमार को मनाने में जुटी कांग्रेस
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कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा...कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गुरुवार को नाम का ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया सीएम की रेस में सबसे आगे हैं और उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है. दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान सीएम पद के दूसरे दावेदार डीके कुमार से मुलाकात कर उन्हें मनाएगा और उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा. डीके कुमार को सिद्धारमैया सरकार में अहम मंत्रालय भी दिये जा सकते हैं.
कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा...कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गुरुवार को नाम का ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया सीएम की रेस में सबसे आगे हैं और उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है. दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान सीएम पद के दूसरे दावेदार डीके कुमार से मुलाकात कर उनकी नाराजगी दूर करेगा. डीके कुमार को सिद्धारमैया सरकार में अहम मंत्रालय भी दिये जा सकते हैं.
कर्नाटक में 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की और बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. कांग्रेस ने चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था. ऐसे में चुनाव के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सीएम पद के लिए दावेदारी की थी. इसके बाद आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया था. चार दिन के मंथन और कई दौर की बातचीत के बाद भी नाम पर आम सहमित नहीं बन पाई थी.
रेस में आगे निकले सिद्धारमैया
बताया जा रहा है कि सिद्धारमैया सीएम की रेस में डीके शिवकुमार से अब आगे निकल गए हैं. उनका सीएम बनना लगभग तय है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गुरुवार को उनके नाम का ऐलान कर सकता है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शिवकुमार को गुमराह किया जा रहा है. लेकिन पार्टी आलाकमान उनसे बात करेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करेगी. इतना ही नहीं पार्टी उनकी नाराजगी दूर करने के लिए नई सरकार में अहम मंत्रालय भी दे सकती है.
डीके शिवकुमार ने गिनाई थीं सिद्धारमैया की कमियां
इससे पहले डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग अलग मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व को सिद्धारमैया की कमियां गिनाई थीं. सूत्रों के मुताबिक, शिवकुमार ने खड़गे को बताया था कि सिद्धारमैया का पिछला कार्यकाल अच्छा नहीं रहा था. लिंगायत समुदाय भी उनके खिलाफ है. उन्होंने कहा था, अगर सिद्धारमैया को पहले सीएम बनाया जा चुका है, तो अब किसी और को मौका क्यों नहीं मिलना चाहिए.

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