
कबाड़ खरीदने वाले के पास पहुंची नौकरी करने, गिफ्ट में मिला 80 करोड़ का बंगला, जानें रवि और काजल की लव स्टोरी
AajTak
Noida News: नोएडा के स्क्रैप माफिया गैंगस्टर रवि काना और उसकी गर्लफ्रेंड काफी समय से फरार थे. पुलिस ने इनके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. दोनों के बारे में पुलिस को खबर मिली थी कि वे थाईलैंड भाग गए हैं, इसी के बाद से नोएडा पुलिस विदेश में अपने समकक्षों के संपर्क में थी. दोनों को थाईलैंड से गिरफ्तार कर लिया गया है. अब उन्हें नोएडा लाने की तैयारी की जा रही है.
नोएडा का स्क्रैप माफिया गैंगस्टर रवि काना और उसकी गर्लफ्रेंड काजल झा को थाईलैंड में पकड़ लिया गया है. रवि काना और काजल झा के खिलाफ पुलिस ने लुकआउट नोटिस और रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. पुलिस को खबर मिली थी कि दोनों थाईलैंड भाग गए हैं, जिसके बाद पुलिस ने थाईलैंड की पुलिस से संपर्क किया.
रवि काना ग्रेटर नोएडा का सबसे बड़ा स्क्रैप माफिया और स्टील तस्कर है. उसके काले कारोबार में उसकी गर्लफ्रेंड काजल झा भी शामिल है. रवि काना और काजल झा को भारत लाने के लिए नोएडा पुलिस कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी है.
रवि और काजल दोनों काफी समय से फरार थे. नोएडा पुलिस ने दोनों के खिलाफ लुकआउट और रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था. पुलिस को सूचना मिली थी कि दोनों थाईलैंड भाग गए हैं, तभी से नोएडा पुलिस लगातार अपने थाई समकक्षों के संपर्क में थी.
यह भी पढ़ें: माफिया काजल झा की दिल्ली में 80 करोड़ की कोठी जब्त, गैंगस्टर रवि काना का संभालती है काला कारोबार
गैंगस्टर रवि काना के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और गैंगरेप का केस दर्ज है. एक महिला ने उसके खिलाफ रेप का केस दर्ज कराया था, इसके बाद से पुलिस 1 जनवरी 2024 से रवि की तलाश कर रही थी. पुलिस ने रवि काना के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वह नहीं मिला. बाद में पुलिस ने काजल झा के खिलाफ केस दर्ज किया. रवि काना की पत्नी सहित 14 अन्य लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
रवि काना के खिलाफ 11वां केस 30 दिसंबर 2023 को नोएडा के सेक्टर 39 पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. इस केस में एक महिला ने आरोप लगाया था कि रवि काना उन पांच लोगों में शामिल था, जिन्होंने पहले उसके साथ रेप किया, फिर वीडियो बना लिया था. इसके बाद धमकी दी जा रही थी.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.

देश की किफायत विमानन कंपनी इंडिगो का ऑपरेशनल संकट जारी है. इंडिगो को पायलट्स के लिए आए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों को लागू करने में भारी दिक्कत आ रही है. इस बीच आज इंडिगो की 1000 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हो गई है, जिस पर कंपनी के सीईओ का पहला बयान सामने आया है. इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने इंडिगो ऑपरेशनल संकट पर पहली बार बयान देते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से विमानन कंपनी के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं. कंपनी का कामकाज पांच दिसंबर को सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. आज 100 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं.

संसद के शीतकालीन सत्र में 8 और 9 दिसंबर 2025 को राष्ट्रगीत वंदे मातरम् पर दोनों सदनों में विशेष चर्चा होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री इस चर्चा को संबोधित करेंगे. चर्चा का उद्देश्य वंदे मातरम् के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, ऐतिहासिक महत्व और वर्तमान प्रासंगिकता को उजागर करना है.

भारत-रूस बिजनेस फोरम में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं और दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लक्ष्यों को निर्धारित किया है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ चर्चा में यह स्पष्ट हुआ कि व्यापार लक्ष्य समय से पहले पूरा किया जाएगा. कई क्षेत्रों जैसे लॉजिस्टिक्स, कनेक्टिविटी, मरीन प्रोडक्ट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा, और टेक्सटाइल में सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के 711 अग्निवीर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए हैं. श्रीनगर स्थित जम्मू कश्मीर लाइट इन्फैंट्री रेजिमेंट सेंटर में इन्हें कठोर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके बाद ये अग्निवीर देश की सुरक्षा के लिए सीमाओं पर तैनात होंगे. इससे न केवल भारतीय सेना की क्षमता में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा भी मजबूत हुई है.







