ओमिक्रॉन से बचाव में बूस्टर डोज़ कितना कारगर है?
BBC
कोरोना वायरस से बचाव के लिए कई लोग पहले ही वैक्सीन की दो डोज़ लगवा चुके हैं, लेकिन अब ओमिक्रॉन से बचने के लिए बूस्टर डोज़ लगवाने का सुझाव दिया जा रहा है.
कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन में बड़े पैमाने पर म्युटेशन है जो कि कोविड वायरस से सुरक्षित रखने वाली वैक्सीन के असर को भी प्रभावित करता है.
कोरोना की कुछ वैक्सीन की दो ख़ुराक भी हमें ओमिक्रॉन के संक्रमण से नहीं बचा सकती है. हालांकि इस वैक्सीन ने गंभीर रूप से बीमार होने और अस्पताल में भर्ती होने के ख़तरे को कम ज़रूर किया है.
जो भी वैक्सीन बनी हैं वो दो साल पहले सामने आए वायरस के पहले रूप से लड़ने के लिए विकसित की गई थीं.
अब सवाल यह उठता है कि उन असली वैक्सीन के तीसरे या 'बूस्टर' डोज़ से सुरक्षा मिल सकती है या ओमिक्रॉन ने पहले ही वैक्सीन की सुरक्षा को तोड़ दिया है.
यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि बूस्टर डोज़ हमारे इम्यून सिस्टम के लिए पहले वाली स्थिति की तरह ही नहीं है. हालांकि बूस्टर के लिए वैक्सीन की मात्रा समान हो सकती है.