
ऑस्कर्स दिया लेकिन बोलने का मौका नहीं, गुनीत मोंगा बोलीं- इस बर्ताव से दुखी हूं
AajTak
गुनीत मोंगा और डायरेक्टर कार्तिकी गोंसाल्वेस ऑस्कर जीतने के बाड अवॉर्ड शो के मंच पर अपनी एक्सेप्टेन्स स्पीच देने पहुंची थीं. कार्तिकी को अपनी पूरी स्पीच देने का मौका मिला, जबकि गुनीत के समय म्यूजिक बजाय दिया गया और उन्हें स्टेज से जाना पड़ा. अब प्रोड्यूसर ने बताया है कि उन्हें इससे दुख पहुंचा था.
ऑस्कर्स 2023 में भारतीय फिल्मों के चर्चे हुए. RRR के गाने 'नाटू नाटू' पर हॉलीवुड सेलेब्स झूमे तो वहीं प्रोड्यूसर गुनीत मोंगा की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'द एलिफेंट व्हिस्परर्स' ने अवॉर्ड जीतकर भारतीय जनता का सीना गर्व से और चौड़ा कर दिया. लेकिन ऑस्कर्स 2023 के मंच पर गुनीत मोंगा को अपनी जीत के बाद स्पीच देने का मौका नहीं मिला. इसके चलते वो काफी निराश भी हुईं.
गुनीत से छीना गया था मौका
गुनीत मोंगा और डायरेक्टर कार्तिकी गोंसाल्वेस ऑस्कर जीतने के बाड अवॉर्ड शो के मंच पर अपनी एक्सेप्टेन्स स्पीच देने पहुंची थीं. कार्तिकी को अपनी पूरी स्पीच देने का मौका मिला, जबकि गुनीत के समय म्यूजिक बजाय दिया गया और उन्हें स्टेज से जाना पड़ा. गुनीत की जीत के बाद ऑस्कर्स 2023 में बेस्ट एनिमेटेड शॉर्ट फिल्म का ऐलान हुआ था. इसके विजेता Charlie Mackesy और Matthew Freud थे. इन दोनों को ही स्टेज पर अपनी-अपनी स्पीच देने का मौका दिया गया था.
ऐसे में ऑस्कर्स 2023 के मंच पर गुनीत मोंगा के साथ हुई इस नाइंसाफी पर कई फैंस और सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल उठाए थे. कुछ ने कहा था कि ऑस्कर ने ये सही नहीं किया. तो कुछ ने कहा था कि गुनीत रंगभेद का शिकार हुई हैं. अब इस बारे में प्रोड्यूसर गुनीत ने एक इंटरव्यू में बात की है. उन्होंने बताया है कि ऑस्कर्स 2023 के मंच पर स्पीच ना दे पाने पर वो दुखी हो गई थीं.
प्रोड्यूसर को हुआ दुख
इंटरव्यू में प्रोड्यूसर ने कहा कि स्टेज पर अपनी बात ना कह पाने पर वो दुखी थीं और उनके चेहरे पर शॉक देखा जा सकता था. उन्होंने कहा कि वो इस बात को हाईलाइट करना चाहती थी कि ये किसी इंडियन प्रोडक्शन में बनी फिल्म का पहला ऑस्कर है. इसके अलावा गुनीत ने खुद को मिलने वाले ऑनलाइन सपोर्ट पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'ये भारत का मोमेंट था जो मुझसे छीन लिया गया.'

रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










