उन 10 तारीखों की कहानी... जिनमें अतीक अहमद का 44 साल में बनाया 'माफिया साम्राज्य' मिट्टी में मिल गया!
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माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को पुलिस घेरे में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. वारदात को तीन युवकों ने अंजाम दिया, जो पत्रकार बनकर पुलिस के काफिले के नजदीक पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. इस दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोली अतीक अहमद को लगीं. इससे दो दिन पहले अतीक के बेेटे असद को एसटीएफ ने एनकाउंटर में मार गिराया गया था.
माफिया अतीक अहमद की शनिवार देर रात प्रयागराज में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई. इस हमले में उसका भाई अशरफ भी मारा गया. इसी के साथ अतीक के अपराध और दहशत के उस साम्राज्य का भी अंत हो गया, जो उसने 44 साल में खड़ा किया था. अतीक पर 100 से ज्यादा केस दर्ज थे. 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के मामले में दर्ज हुए केस से उसका और उसकी गैंग का काउंटडाउन शुरू हो गया था. पहले अतीक के परिवार और गैंग पर शिकंजा कसा गया. फिर 13 अप्रैल को उसके तीसरे नंबर के बेटे असद और शूटर गुलाम एनकाउंटर में ढेर हो गए. असद को शनिवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया, इसके बाद रात होते होते अतीक और उसका भाई हमले में मारे गये.
अतीक पर हत्या, हत्या की साजिश, किडनैपिंग जैसे 100 मामले दर्ज थे. अतीक अहमद न सिर्फ क्राइम बल्कि राजनीति की दुनिया में भी जाना-माना नाम था. अतीक के खौफ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, कि जब उसने 2012 में चुनाव लड़ने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी, तो हाईकोर्ट के 10 जजों ने केस की सुनवाई से ही खुद को अलग कर लिया. 11वें जज ने सुनवाई की और अतीक अहमद को जमानत मिल गई.
अतीक एक बार सांसद और 5 बार विधायक रहा. अतीक अहमद का नाम हाल ही में प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्या केस में सामने आया. अतीक ने तमाम जुर्म किए लेकिन उमेश पाल की हत्या के बाद उसका साम्राज्य ढहना शुरू हुआ तो फिर अबतक उसके गैंग को तबाही ही देखने को मिली. यही वह केस है, जिससे जुड़ीं 10 तारीखों में अतीक का 44 साल का बनाया हुआ माफिया साम्राज्य मिट्टी में मिल गया.
24 फरवरी: 24 फरवरी को प्रयागराज की सड़कों पर दिनदहाड़े उमेश पाल और उसके दो गनर्स की हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल 19 साल पहले हुए राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह थे.
25 फरवरी: उमेश पाल की पत्नी ने अतीक, अशरफ, शाइस्ता समेत 9 लोगों पर मामला दर्ज कराया. उधर, जब यूपी विधानसभा में विपक्ष ने कानून के मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा, तो सीएम योगी ने कहा, ''इस सदन में कह रहा हूं, इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे... जितने माफिया हैं उनको मिट्टी में मिलाने का काम करेंगे.''
26 फरवरी: उमेश पाल हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान हुई. पुलिस ने विजय चौधरी उर्फ उस्मान, अरबाज, अतीक के बेटे असद, गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, साबिर, अरमान की पहचान की.
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