इलाहाबादी बमबाजों के किस्से: चलते-फिरते तुरंत बना लेते थे BOMB, हत्या और दहशत के लिए मुंबई तक थी डिमांड
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इलाहाबादी बमबाजों को प्रतापगढ़, कौशांबी, फतेहपुर के अलावा मुंबई में भी हत्या करने में इस्तेमाल किया जाने लगा. देशी बम बनने में इस्लाम नाटे, जग्गा, सलीम नैनी, पप्पू डिस्को, रईस तुल्ला, रईस राजा, पप्पू दाएं, चांद बाबा, किन्ना पासी, सलीम महेवा, मुस्तकीम बैगनटोला, राजेश पासी और राजेश नऊवा माहिर थे.
UP News: प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में पहली बार खुलेआम बमबाजी का वीडियो सामने आया. जिसमें गुड्डू बमबाज अपने झोले से बम निकाल-निकालकर चारों तरफ फेंकता नजर आ रहा है. जबकि बमों से हत्या करने का मामला इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में पहले से चलता आ रहा है. हालांकि पहले बमबाजी करते बदमाश को राहगीर देख लेते थे तो वही गवाह होते थे. उस समय न कोई सोशल मीडिया था और न ही कोई ऐसा पुख्ता सबूत. लेकिन आजकल कोई भी घटना सीसीटीवी में कैद हो जाती है और चंद मिनटों में सोशल मीडिया पर वायरल. अब उमेश पाल हत्याकांड के बाद प्रयागराज के पुराने बमबाज याद आ जाते हैं. 70 के दशक में हुई थी पहली बार बम मारकर हत्या...
इलाहाबादी (अब प्रयागराज) बमबाज सिर्फ प्रयागराज ही नहीं, बाहर के जिलों में भी बम से हत्या और दहशत फैलाने जैसी वारदातों को अंजाम देने के लिए जाया करते थे. लेकिन प्रयागराज में बम से हत्या करने का पहला मामला साल 1972-73 में आया था, जब एक इंजीनियर की सदियाबाद में बमों से मारकर हत्या कर दी गई. इंजीनियर की हत्या महज इसलिए की गई थी, क्योंकि उसके घर के नीचे कुछ लोग अड्डेबाजी और जुआ खेला करते थे. उन लोगों को ऐसा करने से रोकने पर उस समय के पुर्री बमबाज ने इंजीनियर की बमों से हत्या कर दी थी. बम मारकर हत्या का यह पहला मामला था. उसके बाद से बम मारकर हत्या करने का सिलसिला शुरू हो गया.
दूसरी घटना 1974-75 में सामने आई, जब भोला पहलवान की लोकनाथ व्यायामशाला के पास राजकुमार नाम के एक शख्स की हत्या कर दी गई थी.
इसलिए कोट पहनता था पुर्री बमबाज
पुर्री बमबाज के बारे में कहा जाता था कि वह कोट इसलिए पहनता था ताकि आसानी से बम बना सके. क्योंकि वह कोट के पहले जेब में गंधक, दूसरे में पोटाश, तीसरी जेब में मेंशन और चौथी जेब में सुतली कागज और लोहे के छर्रे रखता था. तनिक देर में ही बम तैयार कर लेता था. 70 के दशक का पुर्री बमबाज किसी दो पहिया वाहन से नहीं, बल्कि साइकिल से ही बम मारकर फरार हो जाता था.
हर मोहल्ले में एक बमबाज
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