
इजरायल ने जब युगांडा जाकर प्लेन हाइजैक में बंधकों को छुड़ाया, नहीं रिहा किए थे आतंकी
AajTak
नेटफ्लिक्स पर अनुभव सिन्हा निर्देशित सीरिज 'IC 814- द कंधार हाइजैक' स्ट्रीम हो रही है. कहानी 24 दिसंबर 1999 की इंडियन एयरलाइंस के विमान IC 814 के हाइजैक की है. काठमांडू जा रहे विमान में क्रू समेत 191 लोग सवार थे. पांच हाइजैकर्स विमान को हाइजैक कर अफगानिस्तान के कंधार ले गए. हाइजैकर्स अपने 36 साथियों की रिहाई और 20 करोड़ डॉलर कैश की मांग कर रहे थे. तालिबान में मध्यस्थता में हुई बातचीत के बाद भारत बंधकों के बदले में 3 आतंकियों को रिहा करने पर राजी हुआ. इसी तरह का एक मामला इजरायली सरकार के सामने भी आया था जब फिलिस्तीनी और जर्मन आतंकियों ने सैकड़ों यहूदियों से भरा प्लेन हाइजैक कर लिया था. हालांकि, इजरायल सरकार ने बिना हाइजैकर्स की मांगों को पूरा किए जिस हैरतअंगेज तरीके से अपने बंधकों को छुड़ाया, वो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.... कहानी उसी ऑपरेशन थंडरबोल्ट की-
27 जून 1976, दिन रविवार
एयर फ्रांस की फ्लाइट 139 ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव के बेन गुरियन इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्रांस की राजधानी पेरिस के लिए उड़ान भरी. 248 यात्रियों से भरा विमान ग्रीस की राजधानी एथेंस में कुछ देर रुका और फिर बादलों के बीच से होता हुआ अपनी मंजिल पेरिस की तरफ बढ़ने लगा.
विमान ने अपनी गति पकड़ी ही थी कि यात्रियों के बीच से चार हथियारबंद लोग उठ खड़े हुए. इनमें से दो, विल्फ्रेड बोस और ब्रिजेत कुलमान जर्मनी के आतंकवादी समूह जर्मन Baadar-Meinhof से थे और दो 'पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ फिलिस्तीन' से संबंध रखने वाले फिलिस्तीनी आतंकी थे.
विल्फ्रेड बोस के एक हाथ में रिवॉल्वर और दूसरे हाथ में हथगोला था. ब्रिजेत कुलमान, जो कि एक महिला थी, उसने अपने हैंड ग्रेनेड की पिन निकाली और यात्रियों को धमकी देते हुए कहा कि किसी ने चालाकी करने की कोशिश की तो वो प्लेन में ब्लास्ट कर देगी. इसके बाद विल्फ्रेड ब्रिजेत के साथ कॉकपिट की तरफ बढ़ा और उसने प्लेन को अपने कब्जे में ले लिया.
विमान हाइजैक हो चुका था! हाइजैकर्स के आदेश पर विमान अब पेरिस के बजाए लीबिया की तरफ बढ़ने लगा. हाइजैक हुआ विमाम लीबिया के बेनगाजी शहर में 7 घंटे रुका और उसमें ईंधन भरा गया. आतंकियों ने पायलट को आदेश दिया कि वो विमान को युगांडा के एंतेबे एयरपोर्ट ले चले.
आजाद होने के लिए बंधक ने लगा दी जान की बाजी

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







