
आज भी सोने की चिड़िया है भारत, घरों में जितना सोना, उतना अमेरिका-चीन जैसे 8 देशों के बैंक के पास भी नहीं
AajTak
अनुमान के मुताबिक, भारतीय महिलाओं के पास 22,500 टन सोना है. इतना सोना अमेरिका, चीन, रूस जैसे 8 देशों के केंद्रीय बैंकों के पास भी नहीं है. 2021 में भारत में 797 टन सोना खरीदा गया था.
भारत को एक जमाने में सोने की चिड़िया कहा जाता था. ऐसा कहने की कई वजहें भी हैं. कहा जाता है कि 1739 में पर्शिया (अब ईरान) के शासक नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला किया और यहां से इतना सोना लूटा कि तीन साल तक वहां किसी को टैक्स देने की जरूरत नहीं पड़ी. इतना ही नहीं, मुगल शासक शाहजहां ने भी अपने लिए एक सिंहासन बनवाया था. बताया जाता है कि ये पूरा ठोस सोने से बना था. इसे 'तख्त-ए-ताऊस' कहा जाता था. ब्रिटेन भी भारत से बहुत ज्यादा सोना लूटकर ले गए थे.
बहरहाल, आज अक्षय तृतीया है और इस दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. भारत में सोने का उत्पादन बहुत कम होता है, लेकिन चीन के बाद सबसे ज्यादा मांग यहीं है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, 2021 में भारत में सोने की मांग 797.3 टन थी. जबकि, 2020 में 446.4 टन थी. यानी, 2021 में हर दिन हजार करोड़ रुपये के सोने की मांग थी.
एक अनुमान के मुताबिक, भारतीय महिलाओं के पास 22,500 टन सोना है. इसकी कीमत 1.4 ट्रिलियन डॉलर यानी 107 लाख करोड़ रुपये के आसपास बैठती है. ये कीमत भारत की जीडीपी का 45% है. 2021-22 में भारत की जीडीपी 232.15 लाख करोड़ रुपये थी.
अमेरिका के पास भी नहीं इतना सोना
भारतीय महिलाओं के पास जितना सोना है, उतना सोना तो अमेरिका, जर्मनी और चीन समेत 8 देशों के केंद्रीय बैंक के पास भी नहीं है. अमेरिका के केंद्रीय बैंक के पास सबसे ज्यादा गोल्ड रिजर्व है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, अमेरिका के केंद्रीय बैंक के पास 8,133.47 टन गोल्ड रिजर्व है. दूसरे नंबर पर जर्मनी है, जिसके पास 3,358.50 टन सोना है. रूस के पास 2,301.64 टन और चीन के पास 1,948.31 टन गोल्ड रिजर्व है. भारत में आरबीआई के पास 760.40 टन सोने का भंडार है.
चीन के बाद सोने की सबसे ज्यादा मांग भारत में

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.

लोकसभा में शुक्रवार को कई प्राइवेट मेंबर बिल पेश किए गए, जिनमें सुप्रिया सुले का राइट टू डिस्कनेक्ट बिल, 2025 शामिल है, जो कर्मचारियों को ऑफिस समय के बाद काम से जुड़े कॉल और ईमेल से मुक्त रहने का अधिकार देने का प्रस्ताव करता है. कांग्रेस सांसद कडियम काव्या का मेनस्ट्रुअल बेनिफिट्स बिल, 2024 और लोजपा सांसद शंभवी चौधरी का बिल महिलाओं और छात्राओं के लिए पेड पीरियड लीव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है.

दिल्ली के टिकरी कलां में एक किराना दुकान में आग लगने से पति-पत्नी की दम घुटने से मौत हो गई. दुकान के अंदर धुआं भरने के बीच करंट लगने के कारण शटर नहीं खुल पाया और दोनों बाहर नहीं निकल सके. पुलिस ने बताया कि आग शॉप काउंटर में शॉर्ट सर्किट से लगी, जिससे प्लास्टिक सामग्री ने आग पकड़ ली और धुआं तेजी से फैल गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

इंडिगो संचालन संकट के कारण कई उड़ानें रद्द होने और क्षमता घटने से अचानक बढ़े किरायों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने घरेलू उड़ानों पर अधिकतम किराया सीमा लागू कर दी है, जिसके तहत 500 किमी तक 7,500 रुपये, 500–1000 किमी के लिए 12,000 रुपये, 1000–1500 किमी के लिए 15,000 रुपये और 1500 किमी से अधिक दूरी के लिए 18,000 रुपये से ज्यादा किराया नहीं लिया जा सकेगा.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि सभी लंबित रिफंड 7 दिसंबर रात 8 बजे तक बिना देरी पूरी तरह लौटा दिए जाएं और रद्द हुई उड़ानों से प्रभावित यात्रियों से कोई री-शेड्यूलिंग शुल्क न लिया जाए. मंत्रालय ने स्पेशल पैसेंजर सपोर्ट और रिफंड सेल बनाने, प्रभावित यात्रियों से खुद संपर्क करने और ऑटोमेटिक रिफंड सिस्टम जारी रखने को कहा है.






