आंदोलन हुआ स्थगित, घर लौटने लगे किसान, देखें कैसे हैं Delhi के बॉर्डर पर हालात
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दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर आज किसान इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं. तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने और MSP समेत दूसरी मांगों पर लिखित आश्वासन के बाद वो अपने घर लौट रहे हैं. किसान इसे अपनी जीत मान रहे हैं वहीं आंदोलन को टालने का विजयी एहसास सरकार को भी हो रहा है. घर लौटने से पहले किसान विजय यात्रा निकाल रहे हैं. किसान आंदोलन की कमान संयुक्त किसान मोर्चा संभाल रहा था. तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के बाद सरकार ने जब उनकी सभी मांगों पर विचार करने का लिखित भरोसा दिया तो गुरुवार को उसने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला किया. किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक आज से गाजीपुर बॉर्डर की एक सड़क खोल दी जाएगी. देखें ये खास रिपोर्ट.
नवाज शरीफ ने 25 साल बाद एक गलती स्वीकार की है. ये गलती पाकिस्तान की दगाबाजी की है. 20 फरवरी 1999 को दिल्ली से जब सुनहरी रंग की 'सदा-ए-सरहद' (सरहद की पुकार) लग्जरी बस अटारी बॉर्डर की ओर चली तो लगा कि 1947 में अलग हुए दो मुल्क अपना अतीत भूलाकर आगे चलने को तैयार हैं. लेकिन ये भावना एकतरफा थी. पाकिस्तान आर्मी के मन में तो कुछ और चल रहा था.
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