अमेरिकी ग्रीन कार्ड के इंतजार में 12 लाख भारतीय, बैकलॉग पूरा होने में लग जाएंगी दो सदियां
AajTak
अमेरिका का ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए इंतजार में अभी 12 लाख से ज्यादा भारतीय हैं. 2023 तक लगभग 22 लाख भारतीयों को ग्रीन कार्ड का इंतजार होगा. रिपोर्ट बताती है कि इन भारतीयों का बैकलॉग पूरा होने में दो सदियां गुजर जाएंगी.
अमेरिका में रह रहे 10 लाख से ज्यादा भारतीय ऐसे हैं, जिन्हें ग्रीन कार्ड के लिए सालों तक इंतजार करना पड़ेगा. यूएस सिटीजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेस (USCIS) के आंकड़ों में इस बात की जानकारी सामने आई है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, USCIS के डेटा से पता चलता है कि डॉक्टरों, इंजीनियरों और वैज्ञानिकों समेत भारत के हजारों-लाखों हाई स्किल्ड प्रोफेशनल्स को अमेरिका में ग्रीन कार्ड हासिल करने के लिए बहुत लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है.
फोर्ब्स की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल फाउंडेशन फॉर अमेरिकन पॉलिसी (NFAP) ने 2 नवंबर तक USCIS डेटा का एनालिसिस किया और पाया कि 12 लाख से ज्यादा भारतीय ऐसे हैं, जो ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार कर रहे हैं. इन भारतीयों को रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड मिलने का इंतजार है.
कितने भारतीयों को इंतजार?
भारतीयों की पहली प्राथमिकता EB-1 कैटेगरी में है. इस कैटेगरी में प्रोफेसर, रिसर्चर्स, मैनेजर जैसी पोस्ट पर करने वालों को ग्रीन कार्ड दिया जाता है. इस कैटेगरी में 1,43,497 भारतीयों को इंतजार है.
इसके बाद EB-2 कैटेगरी आती है, जिसमें साइंस, आर्ट्स और बिजनेस जैसी फील्ड से जुड़े लोगों को ग्रीन कार्ड मिलता है. इसमें 8,38,784 भारतीय लाइन में हैं.
हूती विद्रोहियों ने शनिवार को बताया कि लाल सागर में एंड्रोमेडा स्टार तेल टैंकर पर मिसाइलें दागी हैं. हालांकि कि अभी शिप में हुए नुकासान के बारे में जानकारी सामने नहीं आई है. इससे पहले उन्होंने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने यमन के सादा प्रांत के हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराया.
वीडियो में पुलिसकर्मी उसकी हथकड़ी खोलते और उसे सीपीआर देते हुए दिख रहे हैं. टायसन को क्लीवलैंड के एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां स्डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रैंक टायसन मामले में शामिल कैंटन पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारियों की पहचान ब्यू शोएनेगे और कैमडेन बर्च के रूप में हुई है.
पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने माना कि साम्राज्यवाद के दौरान उनका देश हिंसा करता रहा, और इसके लिए अब उसे मुआवजा भरना चाहिए. करीब 4 सौ सालों तक पुर्तगाल ने भारत के गोवा समेत कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में लाखों लोगों को अगवा करके गुलाम बाजारों में बेच दिया था. अब पहली बार उसने इसपर अफसोस जताया है. तो क्या बाकी देशों के साथ-साथ पुर्तगाल भारत को भी मुआवजा देगा?