
अमेरिका से छिड़े टैरिफ वॉर के बीच चीन के हाथ लगा बड़ा खजाना! जमीन के अंदर मिला 'काला सोना'
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चीन और अमेरिका के बीच टैरिफ वॉर छिड़ा हुआ है और इसी बीच चीन के हाथ बड़ा खजाना लगा है. चीन को दो बड़े शेल ऑयलफील्ड मिले हैं. चीन की ऊर्जा सुरक्षा के लिए यह तेल भंडार बेहद महत्वपूर्ण हैं.
अमेरिका से छिड़े टैरिफ युद्ध के बीच चीन को बड़ा खजाना हाथ लगा है. चीन ने दो शेल ऑयलफील्ड की खोज की है. तेल के इन दोनों भंडारों में कुल मिलाकर 18 करोड़ टन तेल का भंडार है. चीन जीवाश्म ईंधन के लिए बहुत हद तक निर्यात पर निर्भर है और नई खोज से निर्यात पर निर्भरता कम करने की उसकी कोशिशें मजबूत होंगी.
चीन की सबसे बड़ी तेल रिफाइनर कंपनी सिनोपेक (Sinopec) ने सोमवार को इन खोजों की घोषणा की. कंपनी ने बताया कि तेल भंडार उत्तरपूर्वी चीन के बोहाई खाड़ी बेसिन और पूर्वी प्रांत जियांग्सू के सुबेई बेसिन में स्थित हैं.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रारंभिक आकलन से पता चलता है कि दोनों शेल तेल क्षेत्रों में लंबे समय तक स्थिर रूप से तेल निकाले जाने की क्षमता है. यह पहली बार है जब चीन ने शेल तेल भंडार के मूल्यांकन के लिए घरेलू स्तर पर विकसित मानकों का इस्तेमाल किया है.
जीवाश्म ईंधन और खनिजों की खोज के लिए चीन का अभियान
चीन जीवाश्म ईंधन, लिथियम, कोबाल्ट और रेयर अर्थ मेटल्स सहित महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों के घरेलू स्रोत की तलाश कर रहा है और इसी क्रम में उसे तेल के नए भंडार मिले हैं. चीन ने इन प्राकृतिक संसाधनों की खोज के लिए 2011 में The Mineral Exploration Breakthrough Strategy लॉन्च किया था जिसका उद्देश्य देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना था.
चीन के प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह अभियान पिछले चार सालों में तेजी से आगे बढ़ा है, जिसके परिणामस्वरूप 10 नए तेल फील्ड्स की खोज हुई है. इनमें से प्रत्येक में 10 करोड़ टन से अधिक तेल भंडार है. 19 प्राकृतिक गैस फील्ड्स खोजे गए हैं जिनमें 100 अरब क्यूबिक मीटर से अधिक गैस भंडार है. अभियान के तहत 10 बड़े यूरेनियम भंडार भी खोजे गए हैं.

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