
अमिताभ-रणबीर संग किया काम, अब मोमोज बेचकर कर रहीं गुजारा
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Suchismita Routray ओडिशा में मोमोज बेचने को मजबूर दिख रही हैं. कभी बड़ी-बड़ी फिल्मों में कैमरे के पीछे अपना हुनर दिखाने वालीं Suchismita अब मोमोस बेच रोज के 300-400 रुपये कमा रही हैं.
कोरोना महामारी सबसे भयंकर तबाही साथ लेकर आई है. लोगों की जान तो गई ही है, कई ने जिंदा रहते हुए भी अपना सबकुछ खो दिया है. क्या बिजनेस क्या रोजगार,सबकुछ खत्म दिख रहा है. ऐसी ही कहानी है फीमेल कैमरापर्सन Suchismita Routray की जिन्होंने एक समय अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट जैसे सुपरस्टार संग काम किया है. अब वहीं Suchismita Routray ओडिशा में मोमोज बेचने को मजबूर दिख रही हैं. कभी बड़ी-बड़ी फिल्मों में कैमरे के पीछे अपना हुनर दिखाने वालीं Suchismita अब मोमोस बेच रोज के 300-400 रुपये कमा रही हैं.
रूसी बैले डांसर क्सेनिया रयाबिनकिना कैसे राज कपूर की क्लासिक फिल्म मेरा नाम जोकर में मरीना बनकर भारत पहुंचीं, इसकी कहानी बेहद दिलचस्प है. मॉस्को से लेकर बॉलीवुड तक का उनका सफर किसी फिल्मी किस्से से कम नहीं. जानिए कैसे उनकी एक लाइव परफॉर्मेंस ने राज कपूर को प्रभावित किया, कैसे उन्हें भारत आने की इजाजत मिली और आज वो कहां हैं और क्या कर रही हैं.

शहनाज गिल ने बताया कि उन्हें बॉलीवुड में अच्छे रोल नहीं मिल रहे थे और उन्हें फिल्मों में सिर्फ प्रॉप की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. इसी वजह से उन्होंने अपनी पहली फिल्म इक कुड़ी खुद प्रोड्यूस की. शहनाज ने कहा कि वो कुछ नया और दमदार काम करना चाहती थीं और पंजाबी इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाना चाहती थीं.

ओटीटी के सुनहरे पोस्टर भले ही ‘नई कहानियों’ का वादा करते हों, पर पर्दे के पीछे तस्वीर अब भी बहुत हद तक पुरानी ही है. प्लेटफ़ॉर्म बदल गए हैं, स्क्रीन मोबाइल हो गई है, लेकिन कहानी की कमान अब भी ज़्यादातर हीरो के हाथ में ही दिखती है. हीरोइन आज भी ज़्यादातर सपोर्टिंग रोल में नज़र आती है, चाहे उसका चेहरा थंबनेल पर हो या नहीं. डेटा भी कुछ ऐसी ही कहानी कहता है.










