अफ्रीकी देश बुर्किना फासो में नरसंहार, सेना की वर्दी में आए हमलावरों ने 60 लोगों को मौत के घाट उतारा
AajTak
बुर्किना फासो में सेना की वर्दी में हमलावरों ने 60 लोगों की हत्या कर दी. इसके बाद गांव में लूटपाट भी की. स्थानीय लोगों ने बताया कि देश में हालात काफी खराब हैं, लोग डरे हुए हैं. हमलावर लगातार बेगुनाहों को निशाना बना रहे हैं. 15 अप्रैल को भी इसी तरह का अटैक हुआ था, जिसमें 40 लोगों की मौत हो गई थी.
पश्चिम अफ्रीकी देश बुर्किना फासो (Burkina Faso) में तख्तापलट के हालात बने हुए हैं. देश के उत्तरी हिस्से में सशस्त्र बलों की वर्दी पहने ने 60 लोगों को दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया. औआहिगौया कस्बे में पुलिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए अभियोजक लामीन काबोरे ने कहा कि हमला माली के बॉर्डर के पास कर्मा गांव में हुआ. इस अटैक में कई लोग घायल हो गए हैं. उन्हें रेस्क्यू किया गया है. घायलों का इलाज जारी है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमलावर सशस्त्र बलों की वर्दी पहने हुए थे. उन्होंने इस नरसंहार को अंजाम देने के बाद हमलावरों ने गांव में लूटपाट भी की. लामिने काबोर ने ओआहिगौया पुलिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि माली के पास बॉर्डर इलाकों में यतेंगा प्रांत के कर्मा गांव पर हमले हुए थे. इसकी जांच में सामने आया कि हमलावर अल कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े थे.
कर्मा गांव के लोगों ने बताया कि देश में हालात खराब हैं. लोग पहले से ही डरे हुए हैं. इसी बीच करीब 100 लोग ट्रक और बाइकों पर सवार होकर आए औऱ उन्होंने गांव पर धावा बोल दिया. हमलावर सैन्य वर्दी में थे, कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, लेकिन थोड़ी देर में ही उन्होंने 60 लोगों को मार डाला. इस अटैक में कई लोग घायल हुए हैं, उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. सहायता समूहों के अनुसार हिंसक झड़पों में अब तक 10,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, लगभग 20 लाख लोग अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं.
इससे पहले 15 अप्रैल को बुर्किना फासो में संदिग्ध जिहादियों ने 40 लोगों की हत्या कर दी थी. मरने वालों में 34 नागरिक और 6 सैनिक हैं. शहर के गवर्नर की ओर से बयान जारी कर कहा गया था कि सैनिकों और असैन्य स्वयंसेवकों की एक टुकड़ी पर अज्ञात हथियारबंद लोगों ने हमला कर दिया. बयान में कहा गया था कि अपनी धरती की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों (VDP) के 34 सहायक और 6 अस्थायी सैनिकों की मौत हुई है. जबकि 33 लोग घायल हुए हैं. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
बुर्किना फ़ासो में पिछले साल सेना ने दो तख्तापलट किए, लेकिन इसके बाद भी देश में हिंसा जारी है. इस क्षेत्र में अशांति 2012 में माली में शुरू हुई, जब इस्लामवादियों ने तुआरेग अलगाववादी विद्रोह का अपहरण कर लिया. सशस्त्र समूहों ने धीरे-धीरे बुर्किना फासो के लगभग 40 फीसदी हिस्से को नियंत्रित कर लिया था. इसके बाद पड़ोसी बुर्किना फासो और नाइजर में हिंसा फैल गई है. बुर्किना फ़ासो के सैन्य शासकों ने इस महीने अल-कायदा और IS से जुड़े सशस्त्र समूहों से अपनी जमीन को वापस लेने का ऐलान किया था.