XRay Setu: इससे गांवों में डॉक्टरों को COVID जांच में मदद मिलेगी?
The Quint
X-Ray Setu: Government launches X-Ray Setu on WhatsApp to detect COVID-19 cases in areas with no RT-PCR tests, एक्सरे सेतु सुविधा के जरिए अब Whatsapp पर एक्स-रे भेजकर ये पता लगाया जा सकेगा कि संबंधित व्यक्ति को कोरोना संक्रमण है या नहीं
लोगों में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण की जांच और इलाज जल्दी हो सके इसके लिए सरकार ने एक्सरे सेतु (Xray Setu) की शुरूआत की है. ये सुविधा खासतौर से ग्रामीण इलाकों में काम कर रहे डॉक्टरों के लिए शुरू की गई है. फिलहाल, इसका बीटा वर्जन उपलब्ध है यानी औपचारिक लॉन्च से पहले लॉन्च किया जाने वाला एक वर्जन.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस(AI) के जरिये एक्सरे(Xray) सेतु मरीजों में कोरोना का जल्द पता लगाने में मदद करेगा. वाट्सऐप (Whatsapp) से चेस्ट एक्स-रे भेजने के महज कुछ मिनटों में पता चल जाएगा कि संबंधित व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं और फेफड़े का कौन सा हिस्सा प्रभावित है.लेकिन क्या इससे वाकई ग्रामीण इलाके के मरीजों और डॉक्टरों को मदद मिलेगी? ये जानने से पहले हम ये समझते हैं कि ये काम कैसे करेगी?कैसे काम करेगा एक्सरे सेतु?पहली बात कि अभी ये सर्विस फ्री रखी गई है.रिपोर्ट के लिए डॉक्टर को https://www.xraysetu.com/ पर जाना होगा. इसके बाद 'Try The Free Xraysetu Beta' पर क्लिक करना होगा. क्लिक करने पर एक नया पेज खुलेगा, इस पेज पर चैटबॉट से जुड़ सकते हैं.ये एक्सरे सेतु की सर्विस को स्टार्ट करने के लिए +91 8046163838 नंबर पर वॉट्सऐप मैसेज भेजने को कहेगा. इसके बाद बस मरीज के एक्सरे की फोटो क्लिक कर भेजनी होगी और फिर टेक्नीशियन द्वारा इमेज रिव्यू और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एनालिसिस के बाद कुछ मिनटों में 2 पेज की डायग्नोसिस रिपोर्ट आ जाएगी.क्या हैं की -हाइलाइट्स(Key-Highlights)?एक्सरे सेतु सर्विस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित खास मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग एल्गोरिदम का इस्तेमाल करके एक्सरे का विश्लेषण करती है. इसके बाद डॉक्टर रिपोर्ट पढ़कर मरीज को उचित सलाह दे सकते हैं. ग्रामीण इलाकों को ध्यान में रखते हुए, इसे ऐसे तैयार किया गया है कि ये डिजिटल के साथ-साथ एनालोग(Analog) एक्सरे को भी रीड कर, स्क्रीनिंग कर सकता है.Whatsapp पर आने वाले लो-रेजोल्यूशन(Low-resolution) वाले चेस्ट एक्सरे की फोटो देखकर ये बता सकता है कि कोरोना संक्रमित है या नहीं. रिपोर्ट में डॉक्टरों द्वारा समीक्षा भी होगी ताकि डॉक्टरों को मदद मिल सके. इसकी सटीकता 98.86% और स्पेसिफिसिटी 74.74% बताई गई है.(फोटो: https://www.xraysetu.com/)इसके जरिये न सिर्फ COVID-19, निमोनिया बल्कि लंग्स की 14 तरह की असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है.वेबसाइट के मुताबिक इसे डेवलप करने के पीछे बड...More Related News