UNSC बैठक में PM मोदी- 'पायरेसी और आतंकवाद के लिए हो रहा समुद्र का इस्तेमाल'
The Quint
UNSC PM modi: UNSC बैठक में PM मोदी- 'पायरेसी और आतंकवाद के लिए हो रहा समुद्र का इस्तेमाल', pm modi chaired open debate on maritime security in unsc suggest 5 fundamental principles
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 9 अगस्त को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से "मैरिटाइम सिक्योरिटी,ए केस फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेशन" नामक विषय पर आयोजित एक उच्च स्तरीय ओपन डिबेट की अध्यक्षता की. यह डिबेट संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के तत्वावधान में आयोजित की गई, जिसमें अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन भी शामिल हुए.समुद्र को साझा धरोहर बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि समुद्री रास्ते इंटरनेशनल ट्रेड के लाइफ लाइन है और सबसे बड़ी बात यही है कि यह संबंध हमारे प्लैनेट के भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है."लेकिन हमारे इस साझा समुद्री धरोहर को आज कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है पायरेसी और आतंकवाद के लिए समुद्री रास्ते का दुरुपयोग हो रहा है"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीसाथ ही कई देशों के बीच मौजूद मैरिटाइम विवाद पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि "अनेक देशों के बीच मैरिटाइम डिस्प्यूट हैं और क्लाइमेट चेंज तथा प्राकृतिक आपदाएं भी मैरिटाइम डोमेन से जुड़े विषय हैं. इस व्यापक संदर्भ में अपने साझा समुद्री धरोहर के संरक्षण और उपयोग के लिए हमे आपसी समझ और सहयोग का एक फ्रेमवर्क बनाना चाहिए".ADVERTISEMENTसमुद्री विरासत की रक्षा के लिए सुझाए 5 मूलभूत सिद्धांत1. समुद्री व्यापार में अवरोध हटानापहला मूलभूत सिद्धांत बताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम सबकी समृद्धि मैरिटाइम बिजनेस के फ्लोर पर निर्भर है फ्री मैरिटाइम ट्रेड भारत की सभ्यता के साथ अनादि काल से जुड़ा हुआ है."सिंधु घाटी सभ्यता का लोथल बंदरगाह समुद्री व्यापार से जुड़ा हुआ था. भारत ने खुली सोच के आधार पर SAGAR (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन रीजन) का गोल परिभाषित किया है. हम अपने क्षेत्र में मैरिटाइम सिक्योरिटी का एक इंक्लूसिव ढांचा बनाना चाहते हैं."प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी2. मैरिटाइम विवाद का समाधानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैरिटाइम डिस्प्यूट का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर करने की बात कही. उन्होंने कहा कि समुद्री विवाद का समाधान शांतिपूर्ण और अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर हो. यह आपसी भरोसे और कॉन्फिडेंस के लिए अति आवश्यक है. इसी माध्यम से वैश्विक शांति और स्...More Related News