
UK बना रहा है 'मर्डर प्रेडिक्शन' मशीन, क्या हत्यारों का चेहरा-मोहरा अलग होता है आम चेहरों से?
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19वीं सदी में एक इटालियन क्रिमिनोलॉजिस्ट ने दावा किया कि अपराधियों की शारीरिक बनावट बाकियों से अलग होती है, जैसे उभरी हुई ठुड्डी, चपटी नाक और बेहद बड़े कान. बाद में इस थ्योरी को नकार दिया गया. अब ब्रिटेन मर्डर प्रेडिक्शन टूल बना रहा है, जिसमें छुटपुट अपराध कर चुके लोगों के डेटा देखकर समझा जाएगा कि आगे चलकर वो कोई गंभीर अपराध कर सकते हैं, या नहीं.
ये सोच बहुत पुरानी है कि क्या किसी शख्स का चेहरा देख यह पता लगाया जा सकता है कि वो कितना खतरनाक है, या कितने गंभीर अपराध कर सकता है. क्या उसके चेहरे-मोहरे या व्यवहार में ऐसा कुछ होता है, जो बाकियों से अलग हो. 19वीं सदी की शुरुआत में इटली के अपराधविज्ञानी सेजारे लोम्ब्रोसो ने क्लेम किया था कि जो लोग मर्डर या रेप जैसे अपराध करते हैं उनके चेहरे की बनावट थोड़ी अलग होती है.
ये बात तब खारिज हो गई, लेकिन अब कई देश मर्डर प्रेडिक्शन सिस्टम पर काम कर रहे हैं, जो संभावित अपराधियों की पहचान करेगी. हालांकि इसका तरीका थोड़ा अलग होगा.
किस तरह की मशीन बन रही और कैसे करेगी काम
ब्रिटेन की सरकार एक ऐसी मशीन बना रही है जो अंदाजा लगा सके कि कौन इंसान भविष्य में मर्डर कर सकता है. फिलहाल यह सिस्टम शुरुआती स्टेज में है और उन्हीं पर काम करेगा जिनके डेटा पहले से पुलिस रिकॉर्ड में हैं यानी जिन पर कोई न कोई क्रिमिनल केस पहले से दर्ज है. मशीन उनके रिकॉर्ड देखकर अनुमान लगाएगी. जैसे किसी ने मारपीट की हो, या हथियार रखे हों तो सिस्टम देखेगा कि क्या आगे चलकर वो गंभीर अपराध भी कर सकता है.
ब्रिटिश मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस का कहना है कि ये जो मर्डर प्रेडिक्शन सिस्टम बन रहा है, उसका मकसद है लोगों की सुरक्षा को मजबूती देना. अगर पहले से पता लग जाए कि कौन खतरनाक अपराध कर सकता है, तो उसे रोकने के लिए वक्त रहते कदम उठाए जा सकते हैं.
ह्यूमन राइट्स संस्थान इसे लेकर क्यों हुए परेशान उनका कहना है कि इस टूल के लपेटे में मासूम लोग भी आ सकते हैं, जिन्होंने कोई छोटा-मोटा रूल तोड़ा हो. अगर किसी की मेंटल हेल्थ खराब रही हो, किसी ने खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की हो या अचानक आक्रामक हो गया हो, तो हो सकता है कि मशीन उसे खतरनाक इंसानों की श्रेणी में रख दे. या फिर मशीन भी पुराने फीडबैक के आधार पर किसी खास समुदाय को लेकर पूर्वाग्रही हो सकती है. ऐसे में लोग जबरन कानून की नजरों में घिरे रहेंगे.

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