
The Trial Season 2 Review: ठंडा है काजोल का शो 'द ट्रायल', अली खान-असरानी ने डाली जान
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बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल की सीरीज 'ट्रायल' का सीजन 2, आज यानी 19 सितंबर को स्ट्रीम हो चुका है. इस शो में एक बार फिर काजोल को किरदार नोयोनिका सेनगुप्ता के 'गुड वाइफ' अवतार में देखा गया है. अगर आप भी इस शो को देखने की प्लानिंग कर रहे हैं. तो पहले हमारा रिव्यू पढ़ लीजिए.
बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल एक बार फिर अपने नोयोनिका सेनगुप्ता के 'गुड वाइफ' अवतार में वापस आ गई हैं. उनकी सीरीज 'ट्रायल' का सीजन 2 जियो हॉटस्टार पर स्ट्रीम हो चुका है. पिछले सीजन में नोयोनिका को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. उसके पति राजीव सेनगुप्ता (जीशु सेनगुप्ता) के अफेयर का पता लगने के बाद उसे कोर्ट तक घसीटा गया था. वहीं अपने दोस्त और पुराने प्यार विशाल चौबे (अली खान) को लेकर अपनी फीलिंग्स को नोयोनिका दबाती नजर आई थी. अब नए सीजन में नोयोनिका को पुरानी के साथ-साथ नई मुश्किलों का सामना भी करना पड़ेगा.
क्या है शो की कहानी?
शो की शुरुआत वहीं से होती है, जहां पहले सीजन का अंत हुआ था. राजीव अपने अफेयर और रिश्वत लेने के मामले में फंसने और जेल जाने के बाद घर लौट चुका है. अब वो देशभर में फेमस है और पहला कदम जो फेम पाने के बाद उसने उठाया, वो है नेता बनना. ऐसे राजीव अब चुनाव लड़ रहा है. उसके खिलाफ खड़ी है महाराष्ट्र की जानी मानी नेता नारायणी ढोले (सोनाली कुलकर्णी). नारायणी एक बहुत शातिर नेता है, जो सही वक्त आने पर नकली आंसू बहाना, अपने गुंडों से उधम करवाना और राजनीति के दलदल में अपने हाथ गंदे करना बहुत अच्छे से जानती है. ऐसे में राजीव सेनगुप्ता के लिए उसके सामने खड़े होना बहुत बड़ा चैलेंज है.
नोयोनिका को पिछले सीजन में विशाल ने प्रपोज किया था. अपने प्यार का इजहार करते हुए विशाल ने उसे अपने परिवार को छोड़कर एक नई शुरुआत करने को कहा था. हालांकि इस सीजन में विशाल की बात को पूरी तरह से इग्नोर करने के बाद नोयोनिका, राजीव और अपने बच्चों पर ध्यान दे रही है. राजीव और नोयोनिका अपने रिश्ते को बेहतर बनाने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन दोनों के सामने कई मुश्किलें हैं, जिनका सामना उन्हें करना होगा. दूसरी तरफ खन्ना एंड चौबे लॉ फर्म यानी नोयोनिका के ऑफिस में भी एक नया शख्स आ गया है, जिसकी वजह से काफी चीजें उलट-पलट गई हैं. इन सभी का क्या होगा, ये वक्त ही बताएगा.
मुझे लगता है कि नोयोनिका सेनगुप्ता दुनिया की सबसे खराब वकीलों में से एक है. उसके पास केस आते हैं, जिनकी डिटेल्स उसे कोर्टरूम में जाकर पता चलती हैं. नोयोनिका की तैयारी पूरे सीजन में किसी भी केस के लिए अच्छी नहीं थी. लेकिन मेकर्स की मेहरबानी है कि उसे हमेशा तैयारी के लिए अगली डेट मिल जाती है. पूरे सीजन 2 में कोई भी कोर्टरूम सीक्वेंस दमदार नहीं है, जिसे देखने में आपको मजा आए. ज्यादातर चीजें कोर्ट के बाहर ही सुलझ रही हैं. ऐसे में आपको कुछ खास ड्रामा नहीं मिलता. इसके अलावा शो काफी प्रेडिक्टेबल है. आपको पहले से ही समझ में आ जाता है कि कहानी और किरदार किस दिशा में जा रहे हैं. ऐसे में शो का मजा और कम होता जाता है.
अपने पहले सीजन के मुकाबले 'ट्रायल सीजन 2' काफी हल्का और ठंडा है. पहले सीजन में भी कई लूपहोल थे, जिन्हें इग्नोर करने के बाद शो कुल-मिलाकर ठीक था. लेकिन इस बार चीजें थोड़ी ज्यादा खराब हैं. नोयोनिका की जिंदगी की दिक्कतें बहुत हैं, लेकिन कोई भी दिक्कत आपको अपने साथ खास ढंग से नहीं जोड़ती. शो की सबसे बड़ी ताकत उसमें काम करने वाले एक्टर्स ही हैं.













