
Sanjeev Sanyal on Economy: पीएम मोदी के इस 'करीबी' ने बताया भारत में है दम, जापान को भी भरोसा!
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प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और आगे इसमें और मजबूती की संभावना है. जबकि विकसित देशों के लिए ग्रोथ रेट को बनाए रखना ज्यादा चुनौती भरी होगी.
प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा है कि भारत में कई साल तक 9 फीसदी की दर से विकास करने की क्षमता है. सान्याल ने उदयपुर में भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत पहली शेरपा बैठक के एक कार्यक्रम में कहा कि भारत की प्रति व्यक्ति आय केवल 2,200 अमेरिकी डॉलर है जो कि कई बरसों के हाई ग्रोथ रेट के बाद हासिल की गई है.
ऊंची विकास दर को बनाए रखना जरुरी सान्याल ने दावा किया है कि 2030 के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को हासिल करने के लिए जरूरी है कि दुनिया लगातार हाई ग्रोथ रेट हासिल करे. उन्होंने कहा, एसडीजी हासिल करने के लिए खासतौर से ग्लोबल साउथ में ज्यादा जीडीपी ग्रोथ रेट को बनाए रखना बेहद जरुरी है. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जो कुछ भी किया जा रहा है वो गरीबी के री-डिस्ट्रीब्यूटिंग से ज्यादा कुछ नहीं होगा. सान्याल ने कहा, विकसित देशों में भी ज्यादातर का कर्ज काफी ज्यादा है. ऐसे में उनके लिए भी तेज विकास दर से आगे बढ़ना बेहद जरुरी है.
जी-20 में अमिताभ कांत है भारत के शेरपा जी-20 को लेकर पहली चर्चा में शामिल होते हुए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा है कि हम ऐसे वक्त में समूह की अगुवाई कर रहे हैं जब दुनिया में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है. यूरोप में भू-राजनीतिक संकट, सप्लाई चेन में समस्या, जलवायु कार्रवाई का संकट, गरीबी, महंगाई, वैश्विक विकास में मंदी जैसी चुनौतियां हैं. कांत ने कहा कि हम मानते हैं कि हर संकट एक मौका है. अब तक हमें विकसित दुनिया से एजेंडा मिलता रहा है लेकिन ये पहली बार है जब हम अपना एजेंडा तय कर रहे हैं और हम बताएंगे कि हम लोकतंत्र की जननी हैं
जापान ने भारत को उम्मीदों का देश बताया पहली जी20 शेरपा बैठक में जापान के विदेश मामलों के वरिष्ठ उप मंत्री केइची ओएनओ ने कहा कि हमें भारत के G20 का अध्यक्ष बनने से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि भारत का G20 देशों के साथ बेहतरीन संबंध हैं. भारत ने 2023 G20 शिखर बैठक के लिए महत्वाकांक्षी एजेंडा दिखाया है.
15 साल पहले के चीन के बराबर पहुंचा भारत
भारत की मौजूदा GDP 2007 की चीन की GDP के बराबर है. ऐसे में बीते 15 साल में चीन ने जबरदस्त तरीके से विकास किया है. लेकिन चीन के लिए अब आगे की राह आसान नहीं है. भारत में कामकाजी आबादी की संख्या लगातार बढ़ रही है. इससे भारत की ग्रोथ के लंबे समय तक बरकरार रहने का भरोसा है. जबकि चीन में बुजुर्गों की आबादी में इजाफा हो रहा है जिसकी वजह से अब वहां कामकाजी लोग घट रहे हैं और उनपर बुजुर्गों की जिम्मेदारी भी बढ़ रही है. इससे भी चीन को अपनी ग्रोथ के साथ कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. भारत में चीन के मुकाबले औसत उम्र 11 साल कम है. ऐसे में कई ग्लोबल कंपनियां अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स को चीन से निकालकर भारत समेत दूसरे देशों में ले जा सकते हैं जिससे चीन की आर्थिक ताकत घट सकती है.













