
Partition Horrors Remembrance Day: बंटवारे के बाद पाकिस्तान में रह गए हिंदू किन हालातों में जी रहे हैं? पढ़िए, भागकर हिंदुस्तान आए लोगों की कहानियां
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आज 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया जा रहा है. साल 1947 में इसी दिन देश के बंटवारे के दौरान करोड़ों लोग घर-जमीनें छोड़कर भागे. मजहब के नाम पर भारी कत्लेआम मचा. दशकों बाद भी बंटवारे का नासूर रिस रहा है. पाकिस्तान में बसे हिंदुओं के हालात सबसे खराब हैं. वे लगातार हिंदुस्तान लौट रहे हैं, लेकिन यहां भी न छत है, न अपनापन.
कहने को तो बंटवारा देश या घरों का होता है, लेकिन इसके बाद जिंदगियां भी दो-फांक हो जाती हैं. भारत का विभाजन भी इससे अलग नहीं था. मजहब के नाम पर जब देश बंटा तो लगभग पाकिस्तान वाले हिस्से से लोग भागकर भारत की तरफ आने लगे. यही दूसरी तरफ भी हुआ. कहा जाता है कि पाकिस्तान की तरफ से आने वाली ट्रेनों में लाशें भरकर आ रही थीं. इसके बाद भी बड़ी आबादी पाकिस्तान में रह गई. फिलहाल उसके हालात इतने खराब हैं कि हिंदू भागकर हिंदुस्तान आ रहे हैं.
Aaj Tak डिजिटल ने पाक से भागकर आए ऐसे ही कुछ शरणार्थियों को टटोलकर ये समझना चाहा कि कैसा होता है एक हिंदू का पाकिस्तान में रहना. 5 कहानियों की शक्ल में उनका स्याह तजुर्बा यहां पढ़िए.
पहली कहानी, उस मां की, जिसे दुधमुंह बच्चे को दूर के रिश्तेदारों के भरोसे छोड़कर भागना पड़ा. फिलहाल ये मां जोधपुर में है. शहर से बाहर उस जगह, जहां छत के नाम पर पॉलिथीन की फरफराहट है, और फर्श के नाम तपते पत्थर. आखिरी याद क्या है उसकी? इस सवाल पर जवाब आता है- ‘उसकी गंध. दूध में भीगी हुई.’ बोलते-बोलते एकदम से भभककर रो देती हैं. 'मेरा बच्चा दिला दो. छाती भर-भरके दूध आता है, वहां वो भूख से तड़पता है.'
पूरी कहानी यहां पढ़ें: '4 दिन का बच्चा छोड़ भागना पड़ा, रुकती तो वो चीथड़े उड़ा देते, पाक में औरत और गोश्त में ज्यादा फर्क नहीं', पाकिस्तान से भागी मां की दास्तां
दूसरी कहानी, ऐसे माता-पिता की, जिनकी नाबालिग बेटी को अगवा कर धर्म बदला गया और 70 पार के मुस्लिम से ब्याह दिया गया. पाकिस्तान में माइनॉरिटी पर काम करने वाली संस्था ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (APPG) ने एक रिपोर्ट में बताया था कि हर साल कम से कम 1,000 हिंदू लड़कियों का धर्म बदलकर उनकी शादी करा दी जाती है. 12 से 25 साल की ये बच्चियां-औरतें अक्सर अपने से दोगुने-तिगुने उम्र के आदमियों से जबरन ब्याह दी जाती हैं. न मानने पर धमकी, रेप और मारपीट आम बात है.

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कनाडा अगले साल PR के लिए कई नए रास्ते खोलने जा रहा है, जिससे भारतीय प्रोफेशनल्स खासकर टेक, हेल्थकेयर, कंस्ट्रक्शन और केयरगिविंग सेक्टर में काम करने वालों के लिए अवसर होंगे. नए नियमों का सबसे बड़ा फायदा अमेरिका में H-1B वीज़ा पर फंसे भारतीयों, कनाडा में पहले से वर्क परमिट पर मौजूद लोगों और ग्रामीण इलाकों में बसने को तैयार लोगों को मिलेगा.







