Pakistan: इमरान खान को SC से फटकार, बागी सांसदों ने यूं किया खुशी का इजहार
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हमारे देश में अगर किसी की धार्मिक कट्टरता के कारण किसी मुस्लिम नागरिक को देश के प्रति अपनी भावनाएं साबित करनी पड़ती हैं तो बड़ी खबरें बन जाती हैं. लेकिन ऐसी ही किसी कट्टरता के कारण किसी मुस्लिम नागरिक को भी खुद को इस्लाम विरोधी होने के ठप्पे से बचने में गुहार लगानी पड़ती है तो क्यों इसे मुद्दा नहीं माना जाता ? क्या इसलिए क्योंकि सेलेक्टिव मुद्दे उठाने की आदत राजनीति में चलती है, जैसे वोटों के ठेकेदारी चलती आई है. योगी के दूसरे कार्यकाल के बाद से मुस्लिम समर्थकों पर हमले बढ़े हैं. कई जगह मुस्लिम महिला को सामना करना पड़ा है. निदा खान जिन्होंने ट्रिपल तलाक उठाई थी.
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