
MP कांग्रेस के थीम सॉन्ग पर विवाद, BJP ने लगाया पाकिस्तान के इमरान खान की पार्टी का गाना चुराने का आरोप
AajTak
MP कांग्रेस के 'चलो चलो, कांग्रेस के संग चलो' थीम सॉन्ग को लेकर बीजेपी ने राज्य के विपक्षी दल पर जमकर हमला बोला है. बीजेपी नेता और सूबे के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने इस गाने का इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के थीम सॉन्ग से चुराया है.
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा के थीम सॉन्ग पर विवाद खड़ा हो गया है. 'चलो चलो, कांग्रेस के संग चलो' थीम सॉन्ग को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने इसे इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के थीम सांग से चुराया है.
एमपी बीजेपी ने ट्वीट कर कांग्रेस पर पाकिस्तान प्रेम और थीम सॉन्ग चुराने का आरोप लगाया और लिखा, ''कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम फिर आया सामने. मध्य प्रदेश चुनाव में अपने प्रचार गाने के लिए @INCMP ने पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी के थीम सांग को ही चुरा लिया. कांग्रेस की 'चोरी' की आदत पुरानी है लेकिन पाकिस्तान से इतना प्रेम क्यों? जवाब दे कांग्रेस!'' वहीं, एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस पर हमला बोलते हुए पत्रकारों को इमरान खान का वीडियो दिखाते हुए कहा, 'चचा जान दिग्विजय सिंह को पाकिस्तान से इतना प्रेम है कि यात्रा का थीम सॉन्ग चलो-चलो भी उन्होंने पाकिस्तान से ले लिया.
गृहमंत्री ने कटाक्ष करते हुए आगे कहा, चलो-चलो में पहले 28 विधायक चले गए, फिर सरकार चली गई, फिर कांग्रेस की साख चली गई और अब जनता प्रदेश से कांग्रेस को चला कर देगी.''
बता दें कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में 19 सितंबर गणेश चतुर्थी के दिन से जन आक्रोश यात्रा निकालने जा रही है. इस बात की घोषणा आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई. ये 7 यात्राएं प्रदेशभर में करीब 15 दिन में 11 हजार 400 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी. इस दौरान यात्राएं प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगी.
इसका नेतृत्व अलग अलग स्थानों पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता करेंगे. कमलनाथ ने कहा कि इस यात्रा का लक्ष्य है कि प्रदेश की जनता को गुमराह करने और डराने की राजनीति से जनता को सावधान किया जाएगा.
कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही जन आक्रोश यात्रा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह 1600 किलोमीटर तक नेतृत्व करेंगे. वहीं, अरुण यादव 1700 किलोमीटर, कमलेश्वर पटेल 1900 किलोमीटर, अजय सिंह राहुल 1400 किलोमीटर, सुरेश पचौरी 1400 किलोमीटर, कांतिलाल भूरिया 1700 किलोमीटर और जीतू पटवारी 1700 तक नेतृत्व करेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति को रूसी भाषा में भगवद गीता का एक विशेष संस्करण भेंट किया है. इससे पहले, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को भी गीता का संस्करण दिया जा चुका है. यह भेंट भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को साझा करने का प्रतीक है, जो विश्व के नेताओं के बीच मित्रता और सम्मान को दर्शाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को कई अनोखे और खास तोहफे भेंट किए हैं. इनमें असम की प्रसिद्ध ब्लैक टी, सुंदर सिल्वर का टी सेट, सिल्वर होर्स, मार्बल से बना चेस सेट, कश्मीरी केसर और श्रीमद्भगवदगीता की रूसी भाषा में एक प्रति शामिल है. इन विशेष तोहफों के जरिए भारत और रूस के बीच गहरे संबंधों को दर्शाया गया है.

चीनी सरकारी मीडिया ने शुक्रवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के उन बयानों को प्रमुखता दी, जिनमें उन्होंने भारत और चीन को रूस का सबसे करीबी दोस्त बताया है. पुतिन ने कहा कि रूस को दोनों देशों के आपसी रिश्तों में दखल देने का कोई अधिकार नहीं. चीन ने पुतिन की भारत यात्रा पर अब तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वह नतीजों पर नजर रखे हुए है.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार रात डिनर का आयोजन किया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस डिनर में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को निमंत्रण नहीं दिया गया. इसके बावजूद कांग्रेस के सांसद शशि थरूर को बुलाया गया.

आज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है. यानी दोनों देशों का संबंध एक ऐसा अटल सत्य है, जिसकी स्थिति नहीं बदलती. सवाल ये है कि क्या पुतिन का ये भारत दौरा भारत-रूस संबंधों में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है? क्या कच्चे तेल जैसे मसलों पर किसी दबाव में नहीं आने का दो टूक संकेत आज मिल गया? देखें हल्ला बोल.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मंदिर में जमा पैसा देवता की संपत्ति है और इसे आर्थिक संकट से जूझ रहे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा, जिसमें थिरुनेल्ली मंदिर देवस्वोम की फिक्स्ड डिपॉजिट राशि वापस करने के निर्देश दिए गए थे. कोर्ट ने बैंकों की याचिकाएं खारिज कर दीं.







