
Monkeypox Virus के म्यूटेशन का कितना खतरा, कितने दिन आइसोलेशन में रहने की जरूरत? WHO ने दी ये जानकारी
AajTak
Monkeypox Virus: कोरोना महामारी के बीच अब दुनिया में मंकीपॉक्स वायरस भी तेजी से फैल रहा है. अब तक 12 देशों में 92 मामले सामने आ चुके हैं. WHO ने चिंता जताई है कि गर्मियों की छुट्टियों की वजह से आने वाले समय संक्रमण और बढ़ सकता है.
Monkeypox Virus: कोरोना महामारी के बीच अब दुनिया पर एक और वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है. यूरोप से लेकर अमेरिका तक मंकीपॉक्स का संक्रमण फैल रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, अब तक 12 देशों में 92 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि इस बीमारी में हर 10 में से एक व्यक्ति की मौत का खतरा रहता है. हालांकि, मंकीपॉक्स पर चेचक की वैक्सीन असरदार है.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, 1958 में मंकीपॉक्स बीमारी पहली बार सामने आई थी. तब रिसर्च के लिए रखे गए बंदरों में चेचक जैसा संक्रमण देखा गया था. चूंकि ये बीमारी बंदरों को हुई थी, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया था.
वहीं, WHO के मुताबिक, इंसानों के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का पहला मामला 1970 में सामने आया था. तब कॉन्गो में रहने वाला एक 9 साल का बच्चा इससे संक्रमित मिला था. मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के बाद चेचक जैसे ही लक्षण दिखते हैं.
दुनियाभर में जब मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी बीच WHO ने एक अहम जानकारी साझा की है. WHO ने बताया कि अभी तक मंकीपॉक्स वायरस के म्यूटेट होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं. WHO से जुड़े रोसमुंड लुईस ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस वायरस में म्यूटेशन आमतौर पर बहुत कम होता है. हालांकि, मामले क्यों बढ़ रहे हैं, ये जानने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग भी करना होगा. हेल्थ एक्सपर्ट ने वायरस में म्यूटेशन होने की आशंका जताई थी.
WHO से जुड़ी साइंटिस्ट मारिया वैन केरखोव ने न्यूज एजेंसी को बताया कि उत्तरी अमेरिका और यूरोप में फैल रहा मंकीपॉक्स का संक्रमण गंभीर नहीं है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अफ्रीका में भले ही अब ये बीमारी एंडेमिक की ओर हो, लेकिन दूसरी जगह ये फैल रही है और इससे हम नजरें नहीं हटा सकते.
ये भी पढ़ें-- Monkeypox: 12 देशों में फैला मंकीपॉक्स, WHO ने दी चेतावनी, क्या भारत में भी फैलेगा?

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







