Inflation in India: 10 साल पहले 100 रुपये में जो चीज आ जाती थी, आज वो कितने में आती है, जानें कैसे कटी आपकी जेब?
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Retail Inflation in India: खुदरा महंगाई दर 8 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79% रही. इससे पहले मई 2014 में महंगाई दर 8 फीसदी के पार चली गई थी.
Retail Inflation in India: महंगाई एक ऐसी 'डायन' है, जो इंसान की खुशियां खा जाती है. भारत जैसे देश में महंगाई का बढ़ना इसलिए भी चिंता बढ़ाता है, क्योंकि अब भी यहां एक आम आदमी की महीने की कमाई साढ़े 12 हजार रुपये के आसपास है. सरकार खुद मानती है कि देश में 80 करोड़ से ज्यादा लोग गरीब हैं, तभी उन्हें मुफ्त में अनाज दिया जाता है.
कोरोना ने पहले से ही कमर तोड़ रखी थी और उसके बाद अब महंगाई ने हालात को और बदतर कर दिया है. हाल ही में सरकार ने महंगाई दर को लेकर जो आंकड़े जारी किए हैं, वो बताते हैं कि देश में महंगाई दर 8 फीसदी के करीब पहुंच गई है.
सरकार के मुताबिक, अप्रैल में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित खुदरा महंगाई दर 7.79% रही. महंगाई की ये दर 8 साल के उच्च स्तर पर है. इससे पहले मई 2014 में महंगाई दर 8.33% रही थी.
महंगाई दर मतलब है किसी सामान या सेवा की समय के साथ कीमत बढ़ना. इसे हम किसी महीने या साल के हिसाब से मापते हैं. मसलन, कोई चीज सालभर पहले 100 रुपये की मिल रही थी, लेकिन अब 105 रुपये में मिल रही है. इस हिसाब से इसकी सालाना महंगाई दर 5 फीसदी रही.
महंगाई दर बढ़ने का एक सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि इससे समय के साथ मुद्रा का महत्व कम हो जाता है. यानी, आज आपके पास 105 रुपये एक साल पहले के 100 रुपये के बराबर थे.
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