
Inflation Data: कल आए इस आंकड़े से अमेरिका का और बुरा हाल, टूट गया 41 साल का रिकॉर्ड
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अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने का उभरते बाजारों यानी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (Emerging Economies) पर सीधा असर होता है. इसका मतलब है कि अमेरिका में महंगाई की दर बढ़ने का भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं पर भी बुरा असर होगा.
इन दिनों महंगाई (Inflation) की मार से पूरी दुनिया परेशान है. भारत में भले ही महंगाई का असर धीरे-धीरे कम होने की राह पर लौट आया हो, लेकिन कई देशों में अभी भी इसकी दर बढ़ते जा रही है. दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका (US Inflation) भी इनमें से एक है. अमेरिका में जून महीने में महंगाई की दर बढ़कर 9.1 फीसदी पर पहुंच गई, जो पिछले 41 सालों में सबसे ज्यादा है. इसके कारण मंदी (Recession) की आशंका और गंभीर हो गई है. इस बीच महंगाई पर एक प्रतिक्रिया देकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मजाक और आलोचना के पात्र बन गए हैं.
अनुमान से ज्यादा बढ़ी महंगाई
अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट ने बुधवार को महंगाई के आंकड़े जारी किए. आंकड़ों के अनुसार, जून महीने में महंगाई की दर साल 1981 के बाद सबसे ज्यादा रही. इससे पहले मई महीने में अमेरिका की महंगाई दर 8.6 फीसदी थी. वैसे तो अमेरिका में महंगाई दर के और बढ़ने के अनुमान पहले से लगाए जा रहे थे, लेकिन इतनी तेजी की किसी को आशंका नहीं थी. मार्केट को लग रहा था कि जून महीने में महंगाई दर बढ़कर 8.8 फीसदी पर पहुंच सकती है.
इस बयान पर हो रही बाइडन की आलोचना
महंगाई के आंकड़े आने के बाद जो बाइडन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह डेटा तो पुराना हो गया है. उन्होंने कहा कि महंगाई दर काफी ज्यादा है, लेकिन इसके आंकड़े पुराने हो गए हैं. बाइडन ने कहा कि ये जो आंकड़े आए हैं, उनमें पिछले करीब 30 दिनों के दौरान गैस की कीमतों में आई गिरावट का असर नहीं दिखा है. उन्होंने कहा कि जून के मध्य से अब तक गैस की कीमतें 40 सेंट कम हो चुकी हैं. इसके अलावा गेहूं जैसे कमॉडिटीज भी सस्ते हुए हैं. इन कारणों से अमेरिकी परिवारों के लिए जीवन-यापन आसान हुआ है.
अमेरिका में बढ़ेगी ब्याज दर













