Indian Wheat: खत्म होगा गेहूं का संकट? रूस-यूक्रेन जंग से भारत के लिए खुले ये रास्ते
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Indian Wheat Export: रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं की सप्लाई बाधित हुई. इस वजह से ग्लोबल मार्केट में गेहूं की सप्लाई प्रभावित हुई है और कीमतों में भी तेजी आई. फिलहाल भारत सरकार गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा रखा है.
ग्लोबल मार्केट (Global Wheat Market) में गेहूं की सप्लाई का संकट अभी बना हुआ है. इस वजह से इंटरनेशनल लेवल पर इसके दाम भी चढ़े हुए हैं. अब रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से इस बार जुलाई में ये संकट और गहराने की आशंका है. इसकी वजह उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) के ज्यादातर हिस्सों में गेहूं की कटाई का इसी दौराना होना है. साथ ही गेहूं उत्पादन (Wheat Producers) के हिसाब से देखें तो चीन, रूस, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस और यूक्रेन जैसे देश इसी गोलार्ध में आते हैं.
रूस-यूक्रेन युद्ध ने बढ़ाई परेशानी
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से गेहूं की सप्लाई बाधित हुई है. इस वजह से ग्लोबल मार्केट में गेहूं की सप्लाई प्रभावित हुई है और कीमतों में भी तेजी आई. अब देखना ये होगा कि नए शिपमेंट को रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध किस तरह से प्रभावित करता है, क्योंकि अमेरिका और रूस जैसे देशों में जून से अगस्त के बीच जो गेहूं की कटाई होती है. उसके बाद ही गेहूं के निर्यात में तेजी आती है.
रूस में कटने वाली है गेहूं की फसल
यूक्रेन दुनिया में सबसे अधिक गेहूं निर्यात करने वाले देशों में से हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के हमले के बाद यूक्रेन को गेहूं के निर्यात में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है. हालांकि, उसने रेल और नदी के रास्ते से निर्यात जारी रखने की कोशिश की है. यूक्रेन में अगस्त के आखिर में गेहूं की कटाई शुरू होती है. इस बीच अब रूस में भी गेहूं की फसल कटने वाली है. लेकिन युद्ध की वजह लगे प्रतिबंध के चलते रूस कितना गेहूं बेच पाएगा, ये एक अहम सवाल है.
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