
Indian Wheat: अब गेहूं की मिस्र में भी 'No Entry', 'सड़ा' बताकर पहले लौटा चुका है तुर्की
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तुर्की ने भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस पाए जाने की शिकायत को लेकर इस खेप को लेने से मना कर दिया था. बाद में खबर आई कि इस खेप को मिस्र के एक व्यापारी ने खरीदा है और जहाज अब गेहूं को लेकर इस अफ्रीकी देश की ओर रवाना हो गया है. लेकिन अब वहां से अलग खबर आई है.
भारतीय गेहूं के निर्यात से जुड़े मामले में अब एक नया मोड़ आया है. अब अफ्रीकी देश मिस्र ने करीब 55,000 टन गेहूं को अपने यहां एंट्री देने से मना कर दिया. मूल रूप से इस गेहूं को तुर्की जाना था.
रॉयटर्स ने मिस्र (Egypt) के प्लांट क्वारंटीन चीफ अहमद अल अत्तर के हवाले से खबर दी है कि 55,000 टन गेहूं को लेकर आ रहे जहाज को मिस्र में प्रवेश करने से पहले ही मना कर दिया गया. वहीं तुर्की क्वारंटीन अथॉरिटीज पहले ही इस जहाज के आने पर रोक लगा चुकी हैं.
तुर्की ने 'सड़ा' बताकर लौटाया तुर्की ने भारतीय गेहूं में रूबेला वायरस पाए जाने की शिकायत को लेकर इस खेप को लेने से मना कर दिया था. उसके बाद इसे मिस्र भेज दिया गया. हालांकि, तुर्की को भेजी गई गेहूं की खेप सीधे भारत से निर्यात नहीं की गई थी. इसे भारतीय कंपनी आईटीसी लिमिटेड (ITC Limited) ने नीदरलैंड स्थित एक कंपनी को बेच दिया था. उसके बाद ये तुर्की पहुंचा था.
बाद में खबर आई कि इस खेप को मिस्र के एक व्यापारी ने खरीदा है और जहाज अब गेहूं को लेकर इस अफ्रीकी देश की ओर रवाना हो गया है. अब रॉयटर्स ने खबर दी है कि मिस्र ने भी इस गेहूं को 'नो एंट्री' का बोर्ड दिखा दिया है.
भारत करेगा मंजूरी मिलने का इंतजार एक अलग खबर में भारत सरकार ने पुष्टि की है कि वह मिस्र को गेहूं का निर्यात करने के लिए कस्टम क्लियरेंस मिलने का इंतजार करेगा. इससे पहले तुर्की के गेहूं को वापस लौटाने पर खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने गुरुवार को कहा था कि गेहूं की खेप को भारत से रवाना करने से पहले क्वारंटीन और अन्य जरूरी प्रक्रियाओं को पूरा किया गया था. उन्होंने कहा था कि गेहूं की खेप लेने से इनकार करने पर अभी तुर्की के अधिकारियों से बात नहीं हो पाई है.
मिस्र दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं आयातक हालांकि मिस्र दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं आयातक देश है. मई में ही मिस्र के खाद्य आपूर्ति मंत्री अली मोसेलही (Aly Moselhy) ने भारत से 5 लाख टन गेहूं सीधे खरीदने की डील की थी. ये डील सामान्य टेंडर प्रक्रिया से अलग होनी थी, लेकिन इस पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. इससे पहले अप्रैल में मिस्र के कृषि मंत्रालय ने भारत से गेहूं के आयात को अनुमति दे दी थी.













