
Houthi Rebels ने American जहाज पर दागीं 3 मिसाइलें, बाल-बाल बची US शिप
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अमेरिकी शिप ने 24 जनवरी की दोपहर 2 बजे अदन की खाड़ी को पार किया. इस शिप पर अमेरिका का झंडा लगा हुआ था. अचानक शिप की तरफ एक के बाद एक 3 बैलिस्टिक मिसाइलें आईं. एक मिसाइल समुद्र में गिरी. दो मिसाइलों को अमेरिकी ग्रेवली डीडीजी 107 (मिसाइल रोधी प्राणाली) ने मार गिराया.
समुद्र में हूती विद्रोहियों के हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक बार फिर हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी जहाज को निशाना बनाने की कोशिश की. उन्होंने एक के बाद एक 3 मिसाइलें दागीं. हालांकि, हमले की यह कोशिश नाकामयाब रही. जिस जहाज पर हमला किया गया उसका नाम एम/वी मार्सक डेट्रॉइट है.
जानकारी के मुताबिक अमेरिकी शिप ने 24 जनवरी की दोपहर 2 बजे अदन की खाड़ी को पार किया. इस शिप पर अमेरिका का झंडा लगा हुआ था. अचानक शिप की तरफ एक के बाद एक 3 बैलिस्टिक मिसाइलें आईं. एक मिसाइल समुद्र में गिरी. दो मिसाइलों को अमेरिकी ग्रेवली डीडीजी 107 (मिसाइल रोधी प्राणाली) ने मार गिराया. अमेरिकी शिप को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.
ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब यमन के विद्रोही संगठन ने समुद्र में किसी जहाज को निशाना बनाया. हाल ही में हूती विद्रोहियों ने दावा किया था कि उनकी नेवल यूनिट (नौसेना) ने अदन की खाड़ी (Gulf of Aden) में एक अमेरिकी जहाज पर मिसाइल हमला किया. इसके बाद अमेरिका ने यमन में हूती ठिकानों पर एयर स्ट्राइक भी की थी. यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड ने कहा था कि जहाज को कोई नुकसान नहीं हुआ और न ही कोई घायल हुआ.
क्यों अहम है लाल सागर?
लाल सागर में जिस व्यापारिक मार्ग को हूती विद्रोहियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, वह दुनिया के लगभग 15% शिपिंग को संभालता है. यह रूट यूरोप और एशिया को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है. अगर व्यापारिक जहाज लाल सागर और स्वेज नहर से गुजरने की बजाय दक्षिण अफ्रीका के केप ऑफ गुड होप से गुजरते हैं तो यात्रा में 10-14 दिन अधिक लगते हैं.
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अध्यक्ष बोर्गे ब्रेंडे के मुताबिक हूती के हमलों का ग्लोबल सप्लाई चेन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. भारत जैसे तेल आयातक देशों के लिए तेल की कीमतों में 10-20 डॉलर प्रति बैरल तक की वृद्धि हो सकती है. अमेरिका ने यमन स्थित हूती विद्रोहियों को आतंकवादी समूह घोषित किया है और उसके ठिकानों को निशाना बना रहा है. यमन में हूती ठिकानों पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों से क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है.

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