
'Exit Polls के दिन बाजार में नहीं हुआ कोई हेरफेर', विपक्ष के आरोपों पर SEBI की क्लीन चिट
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सेबी ने बताया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले एग्जिट पोल के दिन बाजार में कोई हेराफेर या कोई अंदरूनी व्यापार नहीं हुआ था. सेबी के सूत्रों ने कहा, 'शिकायत के अनुसार सभी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों से डेटा मांगा गया और उसका विश्लेषण किया गया, लेकिन कुछ नहीं मिला.'
मार्केट रेग्युलेटर (SEBI) ने शुक्रवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों (Lok Sabha Result Day) से पहले एग्जिट पोल के दिन बाजार में कोई हेराफेर नहीं हुआ था. नियामक ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में मतदान के बाद सभी मीडिया हाउसों ने अपने-अपने एग्जिट पोल जारी किए थे, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने का अनुमान जताया गया था और प्रचंड बहुमत मिलने का दावा किया गया था. एग्जिट पोल के अगले दिन शेयर बाजार (Share Market) में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन चुनावी नतीजों वाले दिन एग्जिट पोल के मुताबिक रिजल्ट नहीं आए और बाजार भरभराकर टूटा था. 3 जून को बाजार में आई तेजी, अगले दिन 4 जून को सुनामी में तब्दील हो गई थी और BSE Market Cap 30 लाख करोड़ तक घट गया था.
एग्जिट पोल के दिन नहीं हुआ कोई हेरफेर: सेबी
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया, विपक्ष के आरोपों के बाद सेबी (SEBI) ने इस मामले में अपनी जांच शुरू की थी और अब ये पूरी कर ली गई है. जांच में सेबी को कोई हेरफेर का संकेत नहीं मिला है. सेबी को संसद सदस्यों के एक समूह द्वारा कथित बाजार हेरफेर और अंदरूनी व्यापार के संबंध में कोई साक्ष्य हासिल नहीं हुआ.
सेबी के सूत्रों ने कहा, "शिकायत के अनुसार सभी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थानों से डेटा मांगा गया और उसका गहन विश्लेषण किया गया, लेकिन कुछ नहीं मिला. अगर कोई विशेष बिंदु है तो सेबी अभी-भी इस मुद्दे पर गौर कर सकता है."
'उतार-चढ़ाव से घबराए छोटे निवेशक'
रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी ने इस मुद्दे पर गहन जांच की है और हर एक डेटा का एनालिसिस किया गया है. इस दौरान एक भी चूक नहीं हुई. हालांकि, बाजार में तेज उतार-चढ़ाव देखने को मिला और इसके चलते छोटे निवेशकों में थोड़ी घबराहट थी.













