Economic Survey: वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी 6.5% रहने का अनुमान
AajTak
देश का आर्थिक सर्वेक्षण जारी कर दिया गया है. इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद में पहला अभिभाषण था. इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये युग निर्माण का अवसर, हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey 2022) की रिपोर्ट को जारी कर दिया गया है. आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए रियल जीडीपी ग्रोथ 6.6 से 6.8 रहने का अनुमान जताया गया है. वहीं, नॉमिनल जीडीपी 11 फीसदी रह सकती है. सर्वे में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए GDP ग्रोथ रेट 6.5% का अनुमान जताया गया है. यह पिछले 3 साल में सबसे धीमी ग्रोथ होगी. वहीं नॉमिनल जीडीपी का 11% रहने का अनुमान लगाया गया है. FY23 के लिए रियल GDP अनुमान 7% है.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था ने जो कुछ खोया था, उससे वो उबर गई है. कोविड महामारी के दौरान जो गतिविधियां धीमी हो गई थी, उन्हें फिर से सक्रिय कर दिया गया है.
कितनी रह सकती है महंगाई दर?
आर्थिक सर्वे अमृत काल थीम पर आधारित है. सर्वे में कहा गया है कि कोविड-19 का खतरा कम होने से सप्लाई चेन में सुधार और मजबूत घरेलू डिमांड से ग्रोथ को सपोर्ट मिलेगा. सर्वे में आगे कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में रिटेल मंहगाई दर 6 फीसदी से कम रहने की उम्मीद है.
इकोनॉमिक सर्वे में बताया गया है कि कॉरपोरेट और कंपनियों की बैलेंसशीट में मजबूती के संकेत मिले हैं. साथ ही ये भी कहा गया है कि IBC की व्यवस्था से 'ईज ऑफ डुइंग' बिजनेस बढ़ा है. सरकार ने सर्वे में बताया है कि स्टील प्रोडक्शन में भारत दुनिया में बड़ी ताकत बना है.
सर्वे में कहा गया है कि देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है. इससे करेंट डेफिसिट (CAD) की भरपाई हो जाएगी. रिजर्व बैंक के पास रुपये को गिरने से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार में हस्तक्षेप करने की भी गुंजाइश रहेगी.