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DU सिलेबस से हटाईं गईं तीन महिला लेखकों को दोबारा शामिल करने की मांग तेज

DU सिलेबस से हटाईं गईं तीन महिला लेखकों को दोबारा शामिल करने की मांग तेज

The Quint
Wednesday, September 08, 2021 05:35:25 PM UTC

DU English hons Dalit Writers| DU के इंग्लिश ऑनर्स कोर्स से हटाई गईं लेखकों को शामिल करने के लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन| Memorandum to President to include writers dropped from DU's English Honors course

दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंग्लिश ऑनर्स कोर्स से हटाए गए तीन महिला लेखकों की किताबों को फिर से कोर्स में शामिल करने की मांग अब जोर पकड़ रही है. इसे लेकर यूनिवर्सिटी में विरोध शुरू हो चुका है. ओवरसाइट कमेटी की सिफारिश पर दिल्ली यूनिवर्सिटी ने तीन महिला लेखकों, महास्वेता देवी, बामा और सुकीर्थरानी की किताबों को इंग्लिश ऑनर्स कोर्स से हटा दिया था. अब तीनों लेखकों को दोबारा कोर्स में शामिल करने की मांग करते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और इसके विजिटर यानी भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपा गया है.इस ज्ञापन में देश और विदेश से सभी क्षेत्रों से जुड़े लगभग 1150 से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हैं, जिन्होंने निकाले गए लेखकों को कोर्स में दोबारा शामिल करने की मांग का समर्थन किया है.यूनिवर्सिटी पर भेदभाव का आरोपयाचिकाकर्ताओं ने इन लेखकों को कोर्स से हटाए जाने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी पर कई गंभीर आरोप लगाए. बामा और सुकीर्थरानी दोनों तमिल दलित हैं और इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि जाति उत्पीड़न पितृसत्ता के तौर-तरीकों के साथ मिलकर लैंगिक उत्पीड़न और शोषण को जन्म देता है. ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने पूछा है कि,क्या दिल्ली यूनिवर्सिटी में आज के भारत की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को पढ़ाना और जानना जरूरी नहीं है? क्या ये ऐसा विषय नहीं है जिसे आजाद भारत के युवा, पुरुषों और महिलाओं को जानने और उनसे जुड़ने की जरूरत है?ADVERTISEMENT इन दलित महिला लेखकों को कोर्स से बाहर निकाले जाने पर बंगाली कवि-लेखक और बांग्ला दलित साहित्य संस्था के अध्यक्ष मनोहर मौली विश्वास ने दुख और चिंता जताई कि जिन लेखकों का प्रचार और प्रसार किया जाना चाहिए उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है. याचिकाकर्ताओं ने ज्ञापन में कहा है क, "लेखकों को अलग किया जाना राजनीतिक उपेक्षा, भूल और हाशिए पर धकेले जाने का एक उदाहरण है. ये सवर्ण पुरुषवादी राजनीति को दिखाता है, जिसकी हम कड़ी आलोचना करते हैं"याचिकाकर्ताओं का ये भी आरोप है कि इन लेखकों को हटाने के लिए इन्हें जानबूझकर गलत तरीके से पढ़ा गया है. हालांकि दक्षिणपंथी टीचरों के एक संगठन एनडीटीएफ ने इन महिलाओं को कोर्स से हटाए जाने का समर्थन किया है.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)ADVERTISEMENT...
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