
Chandrayaan 3: क्या चीन के रोवर से चांद पर मिलेगा भारत का प्रज्ञान? जानें कितनी दूर हैं दोनों
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भारत का मून मिशन सफल रहा है और प्रज्ञान रोवर धरती पर चांद की कई अहम जानकारियां भेज रहा है. भारत के रोवर के अलावा चांद पर चीन का रोवर Yutu 2 भी सक्रिय है. चीन ने साल 2019 में इसे चांद पर भेजा था.
भारत के चंद्रयान-3 मिशन को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में सफलतापूर्वक लैंडिंग किए हुए एक हफ्ते हो गए हैं. इस बीच चंद्रयान-3 का रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह से कई जानकारियां भेज रहा है. चांद की सतह पर भारत के रोवर के अलावा एक और देश का रोवर अभी सक्रिय है जिसका नाम युतु 2 (Yutu 2) रोवर है. यह चीन का रोवर है जिसे चीन ने अपने मून मिशन Chang’e 4 के तहत चांद पर भेजा था. हालांकि, यह रोवर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में नहीं है. फिर सवाल उठता है कि ये रोवर आखिर है कहां और भारत के रोवर से कितना दूर है.
चीन ने अपने रोवर को लेकर बेहद कम जानकारी साझा की है. हालांकि, ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का रोवर अभी भी चंद्रमा की सतह पर सक्रिय है. रिपोर्ट में कहा गया है कि चीनी रोवर दो हफ्ते की चांद रात में बंद हो जाता है जब तापमान शून्य से 170 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है. चंद्रमा पर एक रात धरती के लगभग 14 रातों के बराबर होती है.
प्रज्ञान और Yutu 2 रोवर्स के बीच अनुमानित दूरी क्या है?
चीन का मून मिशन चांग'ई-4 3 जनवरी 2019 को दक्षिणी ध्रुव-एटकिन बेसिन में वॉन कर्मन क्रेटर में उतरा था. इसी के साथ ही चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर कंट्रोल लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया था. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अनुसार, चीन के मून मिशन ने निर्देशांक 45.4561 S अक्षांश, 177.5885 E देशांतर पर लैंड किया था.
वहीं, विक्रम लैंडर के लिए चंद्रयान 3 की नियोजित लैंडिंग साइट 69.367621 अक्षांश, 32.348126 देशांतर थी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि उन्होंने जिस क्षेत्र में लैंडिंग प्लान किया था, भारत का लैंडर वहीं उतरा है.
इसरो नासा के पूर्व वैज्ञानिक सैयद अहमद, जो अब हैदराबाद में XDLINX प्रयोगशालाओं के लिए काम कर रहे हैं, ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया कि रोवर्स के बीच की दूरी लगभग 1,948 किमी होगी.

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