
Big Investment in India: भारत की बल्ले-बल्ले, अब इन देशों से आएंगे 100 अरब डॉलर... चीन का चिढ़ना तय!
AajTak
स्विट्जरलैंड के अर्थव्यवस्था मंत्री गाइ पार्मेलिन ने पिछले महीने भरोसा जताया था कि भारत में अप्रैल में आम चुनाव से पहले इस समझौते को पूरा कर लिया जाएगा.
यूरोपीय देशों का एक छोटा समूह भारत के साथ जल्द ही एक व्यापार समझौते को अमली जामा पहना सकता है. इस समझौते के तहत ये देश भारत में अगले 15 साल के दौरान 100 अरब डॉलर का निवेश करेंगे. इस रकम से भारत में 10 लाख नई नौकरियों के पैदा होने का अनुमान है. यूरोपीय फ्री ट्रेड एसोसिएशन यानी EFTA में नॉर्वे, आइसलैंड, लिकटेंस्टीन और स्विटजरलैंड जैसे देश शामिल हैं. अभी इस समझौते को लेकर भारत और EFTA के बीच बातचीत का आखिरी दौर चल रहा है.
इस समझौते के होने के बाद मौजूदा और नए मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट्स में निवेश किया जाएगा. EFTA की तरफ से ये निवेश सरकारी संगठन और कारोबारी समूह करेंगे. यूरोप के ये देश इस निवेश की मदद से दुनिया के सबसे बड़ी आबादी वाले देश में अपनी व्यापार पहुंच को आसान बनाकर बढ़ाएंगे.
कृषि सेक्टर को मिलेगा फायदा
इस व्यापार समझौते से कुछ कृषि प्रोजेक्ट्स के लिए मार्केट्स में अपनी पैठ बनाना आसान हो जाएगा. इसके साथ ही EFTA देशों में भारतीय प्रोफेशनल्स की आवाजाही को भी ये करार आसान बना देगा. भारत इस रकम को लीगल रूप देकर इतना निवेश सुनिश्चित करना चाहता है जबकि EFTA कमिटमेंट को एक लक्ष्य की तरह रखना चाहते हैं और इसे कानूनी तौर पर मानने से परहेज कर रहे हैं. इस समझौते के अमल में आने के बाद फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के तहत ये अपनी तरह का पहला करार होगा.
स्विट्जरलैंड के अर्थव्यवस्था मंत्री गाइ पार्मेलिन ने पिछले महीने भरोसा जताया था कि भारत में अप्रैल में आम चुनाव से पहले इस समझौते को पूरा कर लिया जाएगा. इस निवेश समझौते के होने से पहले ही पिछले महीने, देश के IT और टेक्नोलॉजी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारत अगले कुछ साल में 100 अरब डॉलर FDI का लक्ष्य रख रहा है. भारत संयुक्त अरब अमीरात जैसे कई देशों से निवेश जुटा रहा है जो देश में 50 अरब डॉलर तक निवेश करने पर विचार कर रहे हैं.
EFTA में स्विट्ज़रलैंड भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझीदार













