
Alaska Summit: पुतिन बने 'पापा ऑफ जियोपॉलिटिक्स', दुनिया के 'सबसे बड़े डीलमेकर' ट्रंप रह गए खाली हाथ
AajTak
अलास्का समिट के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 'पापा ऑफ जियोपॉलिटिक्स' के रूप में उभरे हैं, जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बड़े डीलमेकर की छवि के बावजूद खाली हाथ रह गए. इस घटना ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में ताकत संतुलन और कूटनीतिक डील करने की क्षमता पर नई बहस छेड़ दी है.
यूक्रेन में युद्ध पर विराम लगवाने के मकसद से "दुनिया के सबसे बड़े डीलमेकर" अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मुलाकात की. इस मीटिंग को दो बड़े नेताओं की भिड़ंत के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन ट्रंप–पुतिन अलास्का समिट एक तरह का "पोल्ट्री-गेस्ट" ही साबित हुआ. दोनों नेता बस इतराते और मुस्कुराते रहे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. पूरी दुनिया रातभर इंतजार करती रही, लेकिन सुबह तक यह कंफर्म हो गया कि युद्धविराम के मोर्चे पर यह मुलाकात में बेनतीजा साबित हुई.
यूक्रेन, जो इस लड़ाई के बीच में फंसी हुई "मुर्गी" की तरह है - उसने राहत की सांस ली कि वह फिलहाल किसी नई मुसीबत में फंसने से बच गया. दुनिया अभी भी अंदाजा लगा रही है कि इस बैठक से कोई असली हल निकलेगा या फिर यह सिर्फ ट्रंप का पब्लिसिटी स्टंट ही साबित होकर रह जाएगा.
यह भी पढ़ें: B-2 Bomber: 16 एटम बम लादने वाला बी-2 बॉम्बर... जिससे ट्रंप ने पुतिन का किया अलास्का में वेलकम
न्यूयॉर्क टाइम्स का मानना है कि दोनों नेताओं की मुलाकात में असली मुद्दे अनसुलझे रहे, लेकिन माहौल जरूर असाधारण था. ट्रंप ने पुतिन का स्वागत रेड कार्पेट बिछाकर किया और तालियां बजाईं. यह वही पुतिन थे जिन पर अमेरिका ने सैंक्शन्स लगाए हैं और जो इंटरनेशनल वॉर क्राइम्स वॉरंट का सामना कर रहे हैं. दोनों नेता हंसे, बातें कीं, और ट्रंप तो पुतिन को अपने बुलेटप्रूफ बीस्ट में बैठकर मीटिंग प्लेस तक आने ले गए.
समिट एक ऐसे मोड़ पर खत्म हुई जिससे कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ, लेकिन ट्रंप ने कहा कि "कुछ मुद्दों पर एग्रीमेंट" हुआ है, कुछ पर नहीं. पुतिन ने बस इतना कहा कि दोनों नेताओं में "एक समझ" बनी है और ट्रंप को "नेक्स्ट टाइम इन मॉस्को" का न्यौता भी दिया. न तो दोनों नेताओं ने विस्तार से कुछ बताया, न ही मीडिया से कोई सवाल लिए. हालांकि, ट्रंप ने वादा किया कि वह नाटो नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात करेंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







