
90% फेमिनिस्ट फिल्ममेकर्स हैं फ्रॉड, करते हैं दिखावा, क्यों बोले अनुराग कश्यप?
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अनुराग ने कहा कि कमर्शियल स्पेस में दो तरह के फिल्मकार होते हैं. एक जो सिर्फ पैसा कमाना चाहते हैं और इसे लेकर ईमानदार भी हैं और दूसरे होते हैं मौका परस्त. अनुराग का कहना है कि मान्यता के उलट इंडिपेंडेंट सिनेमा का स्पेस काफी मुश्किल है. यहां लोग दूसरों को नीच गिराने का तरीका ढूंढते हैं.
अनुराग कश्यप बॉलीवुड के फेमस डायरेक्टर्स में से एक हैं. अपनी फिल्मों 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'देव डी', 'केनेडी' संग अन्य के लिए उन्हें जाना जाता है. एक और चीज जिसके लिए अनुराग कश्यप फेमस हैं, वो है उनकी बेबाकी. अब एक इवेंट के दौरान डायरेक्टर ने फेमिनिस्ट फिल्मकारों को फ्रॉड बता दिया है. इवेंट में उन्होंने इंडस्ट्री के हाल को लेकर भी बात की.
अनुराग ने कही ये बात
अनुराग ने कहा कि कमर्शियल स्पेस में दो तरह के फिल्मकार होते हैं. एक जो सिर्फ पैसा कमाना चाहते हैं और इसे लेकर ईमानदार भी हैं और दूसरे होते हैं मौका परस्त. अनुराग का कहना है कि मान्यता के उलट इंडिपेंडेंट सिनेमा का स्पेस काफी मुश्किल है. यहां लोग दूसरों को नीच गिराने का तरीका ढूंढते हैं.
इवेंट में अनुराग कश्यप से हाल के सालों में फेमिनिस्ट सिनेमा के उजागर को लेकर सवाल किया गया. ये टॉक्सिक मेल कहानियों का जवाब है. इसके जवाब में डायरेक्टर ने कहा, 'मुझे लगता है कि हर फिल्मकार को हर तरह की फिल्म बनाने की आजादी होनी चाहिए. मैं ज्यादातर फिल्मकारों को पर्सनली जानता हूं. यहां तक कि सबसे प्रॉब्लमेटिक फिल्मकारों को भी जानता हूं. कमर्शियल फिल्मकार, जिन्होंने केजीएफ और सलार जैसी फिल्में बनाई हैं, वो भी दो तरह के होते हैं. कुछ मौका परस्त होते हैं और फिर आते हैं वो जो पैसा कमाने और हिट फिल्में देने को लेकर ईमानदार हैं.'
फेमिनिस्ट फिल्ममेकर्स को बताया फ्रॉड
अनुराग ने आगे कहा, 'लेकिन मैं आपको बता देता हूं कि फिल्मकार जो फेमिनिस्ट, सोशलिस्ट और क्रांतिकारी लगते हैं... मैं बता देता हूं कि उनमें से 90 प्रतिशत फ्रॉड होते हैं. वो सब दिखावा कर रहे हैं. इतने सालों से इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर्स को साथ लाने की कोशिश करने के बाद मैंने समझा है कि इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर्स सबसे बकवास होते हैं. क्योंकि वो सिर्फ एक दूसरे को नीचा दिखाने और बातें सुनाने का काम कर रहा हैं. तो ये दिखावटी समझदार लोगों और दिखावटी बेवकूफों में फर्क क्या हुआ. सारे गधे मिल गए हैं. 'समझदार' लोग एक दूसरे को नीचे गिराने में व्यस्त हैं.'

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