
10-Year-Old Diesel Vehicles कैसे बन सकती है Electric , कितना आएगा खर्च
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Delhi Government ने राजधानी में 10-year-old diesel vehicles का registration रद्द करने का फैसला किया है. ऐसे में अगर आप अपनी पुरानी गाड़ी को चलाते रहना चाहते हैं तो आप उसे electric vehicle में convert कर सकते हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं कि इन गाड़ियों को electric vehicle कैसे बनाया जा सकता है और इस पर कितना खर्च आता है? दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक जिन diesel vehicles के registration को 10 साल पूरे हो चुके हैं या 1 January 2022 को पूरे होने जा रहे हैं, उनके लिए सरकार एक No Objection Certificate यानि NOC जारी करेगी. इसके आधार पर इन गाड़ियों को दूसरे राज्यों में फिर से रजिस्टर कराया जा सकता है. हालांकि जिन राज्यों में इनके दोबारा रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध है उनके लिए ये NOC जारी नहीं की जाएगी. वहीं सरकार ने अपने आदेश में इन गाड़ियों को electric में convert कराने का ऑप्शन दिया है.

इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं और सरकार इसकी सख्ती से जांच कर रही है. यात्रियों की समस्या बढ़ने पर सरकार ने इंडिगो के अधिकारियों को तलब किया है और एयरफेयर पर प्राइस कैपिंग लगाई गई है. 500 किलोमीटर तक किराया साढ़े 7 हजार रुपए जबकि लंबी दूरी के लिए अधिकतम अठारह हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं. यात्रियों को रिफंड न मिल पाने की शिकायतें भी बढ़ रही हैं. देखें विशेष.

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के बड़े ऑपरेशनल संकट के बीच सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि इस मामले में ऐसी कड़ी कार्रवाई होगी जो पूरे एविएशन सेक्टर के लिए मिसाल बनेगी. नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने इंडिगो पर जवाबदेही तय करने की बात कही और पूछा कि 3 दिसंबर से ही इतनी भारी अव्यवस्था क्यों शुरू हुई.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि भारत आज वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच स्थिरता और भरोसे का स्तंभ बनकर उभरा है. उन्होंने बताया कि देश की GDP वृद्धि 8 प्रतिशत से अधिक रही है, जबकि सुधार अब दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप किए जा रहे हैं. PM मोदी ने गुलामी की मानसिकता से बाहर निकलने, पूर्वी भारत और छोटे शहरों में क्षमता बढ़ाने, ऊर्जा और मोबाइल निर्माण जैसे क्षेत्रों में तेजी से हुई प्रगति पर भी जोर दिया.

नवंबर में गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर रहा, जबकि दिल्ली चौथे स्थान पर रही. उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कई शहरों ने भी उच्च PM2.5 स्तर दर्ज किए. पराली जलाने का प्रभाव कम होने के बावजूद प्रदूषण अधिक रहा. शिलांग सबसे स्वच्छ शहर रहा. रिपोर्ट ने वर्षभर के प्रदूषण के मुख्य स्रोत परिवहन, उद्योग और ऊर्जा संयंत्र बताए हैं.









