हर तीसरा कर्मचारी जॉब बदलने को तैयार, इस उम्र के लोगों में सबसे ज्यादा बेताबी!
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PwC India Survey: सर्वे में शामिल 2,608 कर्मचारियों (Employees)में से 71 फीसदी कर्मचारी इस बात को लेकर चिंतित दिखाई दिए कि करियर ग्रोथ के लिए उनके कार्य की अनदेखी की जा रही है. वैश्विक स्तर पर ऐसे कर्मचारियों को आंकड़ा 21 फीसदी है. जबकि 32 फीसदी आगे नौकरी करना ही नहीं चाहते.
एक सर्वे (Survey) में सामने आया है देश के पेशेवर लोगों में नौकरी बदलने (Job Change) की धारणा प्रबल हुई है. पीडब्ल्यूसी इंडिया (PWC India) की ओर से किए गए इस सर्वेक्षण में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं. पाया गया, देश के 30 फीसदी से ज्यादा कर्मचारी (Employees) ऐसे हैं, जो जल्द अपनी नौकरी बदलना चाहते हैं. इसके बड़े कारण भी सामने आए हैं.
वैश्विक स्तर पर आंकड़ा 19 फीसदी पीटीआई के मुताबिक, पीडब्ल्यूसी इंडिया (PWC India) की एक रिपोर्ट में सर्वे के नतीजे जारी किए गए हैं. इसमें सामने आया कि देश में 34 फीसदी वर्कफोर्स अपनी नौकरी बदलने का मन बना रही है. जबकि, वैश्विक (Globally) स्तर पर ऐसा करने के इच्छुक कर्मचारियों का आंकड़ा 19 फीसदी है. यानी भारत में एक बड़ा पेशवर समूह अपनी वर्तमान नौकरी से नाखुश है और चेंज चाहता है.
2,600 से ज्यादा कर्मचारी शामिल नौकरीपेशा लोगों की राय पर बेस्ड यह रिपोर्ट पीडब्ल्यूसी के 'ग्लोबल वर्कफोर्स होप्स एंड फियर्स सर्वे 2022' के निष्कर्षों पर आधारित है. सर्वेक्षण में देश के 2,608 कर्मचारियों (Employees) ने भाग लिया. इसमें से 93 फीसदी उत्तरदाता स्थायी कर्मचारी (Full-Time Employees) हैं. नई रिपोर्ट से पता चलता है कि देश में 71 फीसदी कर्मचारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि करियर ग्रोथ के लिए उनके कार्य की अनदेखी की जा रही है. वैश्विक स्तर पर ऐसे कर्मचारियों को आंकड़ा 21 फीसदी है.
32% नौकरी करने के इच्छुक नहीं इस सर्देक्षण में एक और चौंकाने वाली बात समाने आई, कि जितने लोग किसी ना किसी कारण से नौकरी बदलना चाहते हैं. लगभग उससे मिलता-जुलता आंकड़ा ऐसे कर्मचारियों का भी है जो अब नौकरी नहीं करना चाहते हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि सर्वे में शामिल 32 फीसदी उत्तरदाता कर्मचारियों ने कहा कि वे अब कार्यबल छोड़ने की योजना बना रहे हैं.
कर्मचारियों ने गिनाए कई कारण इन आंकड़ों के पीछे के कारणों का खुलासा भी पीडब्ल्यूसी इंडिया की रिपोर्ट में किया गया है. इसमें कहा गया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में कार्यस्थल पर काम-काज के तरीके में काफी बदलाव आया है, कोरोना महामारी के बाद से ऐसा बड़े स्तर पर देखने को मिला है. नियोक्ता और कर्मचारी दोनों की मानसिकता में बदलाव देखा गया है. इन बदलावों का ही नतीजा है जो कर्मचारी अगले 12 महीनों के भीतर या तो नौकरी बदलने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं या फिर नौकरी छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
12 महीने में नौकरी बदलेंगे 37% पेशेवर पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक, 1981 और 1996 के बीच पैदा हुए कर्मचारियों की नई नौकरी तलाश करने की संभावना सर्वाधिक पाई गई है. ऐसे 37 फीसदी पेशेवरों ने संकेत दिया है कि वे अगले एक साल (12 महीने) में नौकरी बदल सकते हैं. इसके अलावा सर्वेक्षण के अनुसार, 1990 के दशक के अंत में और 2010 के दशक की शुरुआत में जन्मे कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की संभावना सबसे कम आंकी गई है.
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