
'हमारी शर्तें पूरी करे नहीं तो सेना फैसला करेगी', जंग के बीच रूस की यूक्रेन को बड़ी धमकी
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रूस और यूक्रेन जंग के मोर्चे पर डटे हुए हैं. इसी बीच रूस ने धमकी देते हुए यूक्रेन से कहा है कि हमारे प्रस्तावों को पूरा करें, नहीं तो इस मसले पर सेना फैसला करेगी. उन्होंने कहा कि हम अपनी शर्तों को लेकर स्पष्ट हैं. हम चाहते हैं कि यूक्रेन हमारे कब्जे वाली जमीन से हट जाए.
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच 24 फरवरी से जंग जारी है. साल खत्म होने को है, लेकिन युद्ध खत्म होने की बजाय लंबा खिंच रहा है. अब रूस ने यूक्रेन को धमकी देते हुए दो टूक कहा है कि हमारे प्रस्तावों को पूरा करो नहीं तो सेना फैसला करेगी. रूस ने कहा कि हमारे क्या प्रस्ताव हैं, ये बात यूक्रेन भलीभांति जानता है. इसलिए बेहतरी इसी में है कि कीव (यूक्रेन) अपने भले के लिए इन शर्तों को पूरा करे.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि यूक्रेन की सेना हमारे कब्जे वाले क्षेत्र से हट जाए और अपनी भलाई के लिए शर्तों को मान ले. नहीं तो रूस के सैनिक फैसला करेंगे कि क्या करना है. क्योंकि हम लगातार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि खतरे को कम किया जाए. लेकिन इसके लिए हमारे प्रस्तावों को स्वीकार करना जरूरी है.
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने कहा कि जब ये बात आती है कि संघर्ष कितने समय तक चलेगा, तो साफ है कि गेंद उनके पाले में है और इसके पीछे अमेरिका का हाथ है. उन्होंने कहा कि हम प्रस्तावों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं.
सर्गेई लावरोव ने कहा कि हम इस युद्ध की शुरुआत से ही कह रहे हैं कि यूक्रेन और उसके सहयोगी पश्चिमी देश इस जमीन को हड़पने के लिए साम्राज्यवादी शैली अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर में रूस ने यूक्रेन के 4 प्रांत डोनेत्स्क, लुहांस्क, ज़ापोरिज़्ज़िया और खेरसॉन पर जनमत संग्रह के बाद कब्जा कर लिया था. जिसे कीव और उसके सहयोगियों द्वारा अवैध के रूप में खारिज कर दिया गया था.
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि मास्को बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. साथ ही आरोप लगाया था कि यूक्रेन और उसके समर्थक पश्चिमी देशों की वजह से बातचीत नहीं हो पा रही है.
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