
श्रीलंका की 'लंका' कैसे लगी? राजपक्षे भाइयों की सरकार ने कौन सी गलतियां की? समझें
AajTak
श्रीलंका अब तक के सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है. लोग सड़कों पर है. श्रीलंका की इस बदतर हालात के लिए राजपक्षे परिवार को भी जिम्मेदार माना जा रहा है.
साल 1948 में आजाद हुआ श्रीलंका अपने अब तक के सबसे बुरे आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. खाने-पीने का सामान और दवा जैसी बुनियादी चीजों की कीमतें भी आसमान छू रहीं हैं. लोग खाना पकाने के लिए केरोसिन तेल और एलपीजी सिलेंडर भरवाने के लिए लाइनों में लगे हुए हैं.
माना जा रहा है कि श्रीलंका में आर्थिक संकट कई सालों से पनप रहा था, लेकिन बीते कुछ महीनों से हालात बदतर हो गए थे. इन बदतर हालातों ने लोगों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया. गुस्साई भीड़ ने प्रधानमंत्री रहे महिंदा राजपक्षे का पैतृक घर आग के हवाले कर दिया. कई सांसदों के घरों को भी जला दिया गया. भीड़ के गुस्से ने महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया.
श्रीलंका के इन बदतर हालातों के लिए राजपक्षे परिवार के भ्रष्टाचार और गलत नीतियों को जिम्मेदार माना जा रहा है. राजपक्षे परिवार अरसे से श्रीलंका की बड़ी राजनीतिक ताकत रहा है. जानते हैं श्रीलंका की 'लंका' कैसे लगी?
महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बन गए हैं. विक्रमसिंघे यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के सांसद हैं. 2020 के चुनाव में यूएनपी ने मात्र एक सीट जीती थी और उस पर विक्रमसिंघे ही जीते थे. विक्रमसिंघे इससे पहले भी चार बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री रहे हैं, लेकिन अब वो ऐसे समय में देश की बागडोर संभाल रहे हैं, जब आर्थिक संकट ने पूरे देश की कमर तोड़ दी है. प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने श्रीलंका को आर्थिक संकट से निकालने की चुनौती ली है और वो अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाकर रहेंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







