
'लाल सिंह चड्ढा' में आमिर की एक्टिंग से खुश नहीं थे भाई मंसूर खान, जुनैद के काम पर कहा ये
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डायरेक्टर मंसूर खान का कहना है कि मैं एक कहानीकार हूं. मैं कहानी सुनाना पसंद करता हूं, लेकिन मुझे डायरेक्शन करना पसंद नहीं. यह काफी स्ट्रेसफुल और थकाने वाला काम है. 'जोश' के बाद उन्होंने फिल्म बनाना छोड़ दिया था.
'कयामत से कयामत तक' और 'जो जीता वही सिकंदर' जैसी क्लासिक फिल्मों के लिए मशहूर मंसूर खान ने 'जोश' के बाद फिल्म बनाना छोड़ दिया था. सब कुछ छोड़ कर वो अलग तरह का जीवन जीने कुन्नूर चल गए थे. हाल ही में, वो मुंबई में रेड लॉरी फिल्म फेस्टिवल में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने मीडिया के कई सवालों का जवाब दिया.
डायरेक्टर मंसूर खान को फिल्मों में नहीं है दिलचस्पी
जब डायरेक्टर मंसूर खान से पूछा गया कि क्या वो कोई फिल्म बनाने जा रहे हैं. इस पर आमिर खान के कजिन मंसूर खान कहते हैं, ऐसा कोई इरादा नहीं है. मैं कहानीकार हूं. मैं कहानी सुनाना पसंद करता हूं, लेकिन मुझे डायरेक्शन करना पसंद नहीं. यह काफी स्ट्रेसफुल और थकाने वाला काम है. आमिर ने लोगों से गलत कहा था कि मुझे फिल्मों से प्यार है. जबकि, ऐसा बिल्कुल नहीं है. मुझे सबके सामने यह कहने में शर्म आती है कि मैंने अब तक बने फिल्मों में से 99.99% फिल्में नहीं देखा है. मुझे फिल्म देखना पसंद नहीं है. लेकिन, मुझे कहानी लिखना आता है और मुझे लगता है कि मैं अच्छा लिख सकता हूं.
आखिर क्या है आमिर खान के स्टारडम का राज?
जब मंसूर खान से पूछा गया कि आखिर क्या वजह है कि आमिर खान का 60 साल के उम्र में भी स्टारडम बना हुआ है. इस पर मंसूर खान कहते हैं आमिर कभी भी एक तरह की फिल्मों में नहीं बंधे. उसने हर तरह की फिल्म की है. चाहे वो 'तारे जमीन पर हो' या 'दंगल' हो या फिर 'सीक्रेट सुपरस्टार'. आमिर का मानना है कि किसी फिल्म के लिए उसकी कहानी ज्यादा मायने रखती है. वो अपने किरदार को निभाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. उन्होंने 'गजनी' फिल्म के लिए वजन बढ़ाया था, '3 इडियट्स' के लिए वजन कम किया था और 'दंगल' के लिए फिर से वजन बढ़ा लिया था.
मंसूर खान ने 'लाल सिंह चड्ढा' फिल्म को लेकर कही ये बात

राम गोपाल वर्मा ने उर्मिला मतोंडकर से जुड़े पुराने आरोपों और कयासों का जवाब दिया. उर्मिला संग डायरेक्टर ने 1990 के दशक और 2000 के शुरुआती सालों में काफी काम किया था. राम के साथ उर्मिला की फिल्मों जैसे 'रंगीला', 'दौड़', 'सत्या' और 'प्यार तूने क्या किया' ने उन्हें उस दौर के सबसे आइकॉनिक चेहरों में से एक बनाया था.

आशका गोराडिया ने 2002 में एक यंग टेलीविजन एक्टर के रूप में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा था. 16 साल बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया. इसका कारण थकान नहीं, बल्कि एक विजन था. कभी भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार किरदार निभाने वाली आशका आज 1,800 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनी की कमान संभाल रही हैं.











