रूस ने तेल पर लगाए प्राइस कैप को किया खारिज, कहा- 'हमें नहीं है मंजूर'
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यूरोपीय संघ और G7 में शामिल देशों ने रूस के तेल पर प्राइस कैप लगाने का ऐलान किया है. लेकिन खबर है कि रूस ने इसे मानने से इनकार कर किया है. पश्चिमी देश रूस को आर्थिक रूप से कमजोर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं.
रूस के समुद्री कच्चे तेल (Russia Crude Oil) पर यूरोपीय संघ, ग्रुप ऑफ सेवन (G7) में शामिल देशों और ऑस्ट्रेलिया ने 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप (Price Cap) लगाया था. अब रूस ने इसे मानने से इनकार कर दिया है. रूस की न्यूज एजेंसी TASS के अनुसार, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा- 'हम स्थिति का आकलन कर रहे हैं. इस तरह की कैप के लिए कुछ तैयारियां की गई थीं. हम प्राइस कैप को स्वीकार नहीं करेंगे और हम आपको सूचित करेंगे कि किस तरह से इस काम को आगे बढ़ाया जाएगा.'
रूस को कमजोर करने की कोशिश
शुक्रवार को यूरोपीय संघ ने रूस के तेल पर 60 डॉलर प्रति-बैरल का प्राइस कैप लगाने पर सहमति जताई थी. यूक्रेन पर हमले के बाद से ही पश्चिमी देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुके हैं. अब वो रूस के तेल पर प्राइस कैप लगाकर उसकी वित्तीय स्थिति को कमजोर करना चाहते हैं. रूस तेल निर्यात से बड़े पैमाने पर रेवेन्यू प्राप्त करता है. G7 देश के साथ ऑस्ट्रेलिया ने भी रूसी तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल की प्राइस कैप लगाने पर सहमति जताई है.
प्राइस कैप से जेलेंस्की खुश नहीं
रूस के तेल पर प्राइस कैप सोमवार, 5 दिसंबर से लागू हो जाएगा. पश्चिमी देशों की सरकारें रूस के तेल निर्यात की कीमत को सीमित करने पर सहमत हुई हैं, ताकी उसे आर्थिक रूप से झटका दिया जा सके. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूसी तेल पर कोई मजबूत प्राइस कैप नहीं लगाया गया है. क्योंकि यह मास्को के लिए काफी आरामदायक है.
भारत कर रहा है आयात
Crude Oil Prices Today: भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल (Crude Oil) के आधार पर कीमतों की समीक्षा के बाद रोज पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) के दाम तय करती हैं. हालांकि, देश के सभी महानगरों में आज यानी 09 जून को पेट्रोल एवं डीजल की कीमतें स्थिर हैं. आइए जानते हैं आपके शहर की कीमतों पर क्या है अपडेट.