
रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत के बाद अब चीन पर भड़का अमेरिका, यूरोप को भी सख्त मैसेज
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रूसी तेल की खरीद को लेकर अमेरिका ने भारत पर सख्ती दिखाई थी और अब वो चीन के पीछे पड़ता दिख रहा है. विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रूसी तेल खरीदकर उसे यूरोपीय देशों को बेचने को लेकर चीन पर निशाना साधा है. उन्होंने यूरोपीय देशो को भी सख्त मैसेज दिया है.
रूसी तेल की खरीद को लेकर भारत से चिढ़ा अमेरिका अब चीन पर अपनी भड़ास निकाल रहा है. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा है कि चीन रूसी तेल खरीद कर उसे रिफाइन करके ग्लोबल मार्केट में बेच रहा है. उन्होंने कहा कि यह तेल यूरोप भी पहुंच रहा है और इसलिए यूरोप को प्रतिबंध लगाने की दिशा में और आगे आना चाहिए.
रुबियो ने फॉक्स बिजनेस को एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने कहा, 'अगर आप चीन पहुंच रहे तेल पर गौर करें तो वो तेल रिफाइन होकर वापस यूरोप को बेचा जा रहा है. यूरोप अभी भी प्राकृतिक गैस खरीद रहा है. अब, यूरोपीय देश इससे खुद को दूर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यूरोप अपने प्रतिबंधों के संबंध में और भी बहुत कुछ कर सकता है.'
दरअसल, रुबियो से पूछा गया था कि क्या यूरोप अभी भी रूसी तेल खरीद रहा है. इस सवाल का जवाब देने की बाद रुबियो से यह भी पूछा गया कि रूसी तेल की खरीद को लेकर क्या यूरोपीय देशों पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए.
जवाब में उन्होंने कहा, 'ठीक है, मैं यूरोप पर (प्रतिबंधों) के बारे में प्रत्यक्ष रूप से नहीं जानता, लेकिन निश्चित रूप से सेकंडरी प्रतिबंधों का उन पर भी असर होगा.'
रुबियो ने कहा, 'अगर आप किसी देश पर सेकंडरी प्रतिबंध लगाते हैं- मान लीजिए कि आप चीन पर रूसी तेल बेचने के लिए कार्रवाई करते हैं, क्योंकि चीन उस तेल को रिफाइन कर रहा है. फिर उस तेल को वैश्विक बाजार में बेच रहा है और जो कोई भी उस तेल को खरीदता है, उसे प्रतिबंधों के बाद तेल के लिए अधिक पैसा देना पड़ेगा, और अगर आपको तेल नहीं मिलता तो फिर तेल के लिए नया ऑप्शन ढूंढना पड़ेगा.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए, अगर हम सीनेट में प्रस्तावित विधेयक के बारे में बात करते हैं जिसमें चीन और भारत पर 100% टैरिफ लगाने की बात थी तो हमने कई यूरोपीय देशों से सुना है कि इसके उनके लिए क्या मतलब हो सकता हैं. उन्हें भी इस संबंध में कई चिंताएं हैं.'

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