
ये आजादी के बाद की बात है...जब RBI छापता था पाकिस्तान के लिए नोट!
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बंटवारे के सालभर बाद तक पाकिस्तान में भारतीय करेंसी चलती रही. भारतीय रिजर्व बैंक पाकिस्तान के लिए लंबे समय तक करेंसी छापता था. आज पाकिस्तान की स्थिति आर्थिक रूप से बेहद खराब है. पाकिस्तान भारी विदेशी कर्ज के बोझ से दबा है.
साल 1947 में भारत की जमीन पर एक लकीर खींची और आधिकारिक रूप से पाकिस्तान (Pakistan) नाम के एक मुल्क जन्म हुआ. बंटवारा हुआ. जमीनें बंटी, संपत्तियों का बंटवारा हुआ. विभाजन के बाद नए बने मुल्क पाकिस्तान की नींव को मजबूत करने में हिंदुस्तान ने हर संभव मदद की थी. ऐसी ही एक मदद थी पाकिस्तान के लिए करेंसी (Pakistan Currency) की छपाई. चूंकि भारत से अलग होकर पाकिस्तान बना था. इस वजह से उसके पास बंटवारे के बाद सेंट्रल बैंक सिस्टम (Central Bank) जैसी कोई संस्था नहीं थी. ऐसे में भारत से करेंसी छपकर पाकिस्तान पहुंचती थी.
आरबीआई छापता था पाकिस्तानी नोट
बंटवारे के सालभर बाद तक पाकिस्तान में भारतीय करेंसी (Indian Currency) चलती रही. हालांकि, अपने यहां इस्तेमाल होने वाली भारतीय करेंसी पर पाकिस्तान सरकार अपनी मुहर लगाती थी. साल 1948 के शुरुआती महीने तक भारतीय नोट पाकिस्तान में चलते थे. पाकिस्तान की सरकार ने एक अप्रैल 1948 को भारतीय करेंसी का सर्कुलेशन बंद कर दिया. इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने पाकिस्तान के लिए करेंसी छापने की शुरुआत की, जिनका इस्तेमाल सिर्फ पाकिस्तान में ही होता था. इन्हें प्रोविजनल नोट कहा जाता था.
नासिक में छपते थे पाकिस्तानी नोट
हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक में छपने वाली पाकिस्तानी करेंसी पर भारत के अधिकारियों के ही साइन होते थे. पाकिस्तानी नोटों पर ऊपर में अंग्रेजी में 'Government of Pakistan' और उर्दू में 'हुकूमत-ए-पाकिस्तान' लिखा जाता था. पाकिस्तान के लिए छपने वाले नोट नासिक स्थित सिक्युरिटी प्रेस में छपते थे. तब रिजर्व बैंक 1,5,10 और 100 रुपये के पाकिस्तानी नोट छापता था.
पाकिस्तान में छपे 2 रुपये के नोट













