
मैसेज डिलीट करना या फोन फॉर्मेट करना क्राइम नहीं है.... के. कविता केस में सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को लगाई फटकार
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सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान अभियोजन पक्ष (जांच एजेंसी) के आरोपों पर बहस शुरू हुई. ईडी-सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, के. कविता ने खुद को बचाने के लिए प्राथमिक साक्ष्य के रूप में मोबाइल से टेक्स्ट मैसेज डिलीट कर दिए. अपने मोबाइल फोन फॉर्मेट कर दिया और बदल दिया.
दिल्ली एक्साइज पॉलिसी स्कैम मामले में बीआरएस नेता के. कविता (46 साल) को जमानत मिल गई है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को सीबीआई और ईडी दोनों ही मामलों में जमानत देने का आदेश दिया, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है. के. कविता पर भ्रष्टाचार में शामिल होने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट ने जांच की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और एजेंसियों को फटकार लगाई है. कोर्ट ने जांच एजेंसियों पर आरोपियों को चुनने (पिक एंड चूज) के रवैये की भी आलोचना की है. जांच एजेंसियों की तरफ से तर्क दिया गया कि के. कविता ने सबूतों से छेड़छाड़ की है और अपना फोन फॉर्मेट कर दिया या बदल दिया और मोबाइल से मैसेज भी डिलीट कर दिए. इस पर कोर्ट ने कहा कि ये कोई क्राइम नहीं है. फोन एक निजी चीज है. लोग अक्सर मैसेज डिलीज करते रहते हैं.
के. कविता 5 महीने से तिहाड़ जेल में बंद थीं. प्रवर्तन निदेशालय ने 15 मार्च को हैदराबाद स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था. बाद में सीबीआई ने भी उन्हें 11 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया था. के. कविता ने दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मांगी थी. इससे पहले उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. एक जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने के. कविता की याचिका खारिज कर दी थी. इस फैसले को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी.
'खुद को बचाने के लिए मोबाइल फॉर्मेट कर दिया'
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान अभियोजन पक्ष (जांच एजेंसी) के आरोपों पर बहस शुरू हुई. ईडी-सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा, के. कविता ने खुद को बचाने के लिए प्राथमिक साक्ष्य के रूप में मोबाइल से टेक्स्ट मैसेज डिलीट कर दिए. अपने मोबाइल फोन फॉर्मेट कर दिया और बदल दिया. उस फोन को अपने नौकर को दे दिया और फिर नया सेलफोन खरीद लिया. जून में जांच अधिकारियों ने आरोप लगाया था कि के. कविता ने अपने आठ मोबाइल फोन से डेटा डिलीट कर दिया था और एक फोन को फॉर्मेट कर दिया था.
'पूछताछ से 4 महीने पहले कैसे आरोप लगा सकते हैं?'
हालांकि, के. कविता ने आरोपों का खंडन किया है. वकील मुकुल रोहतगी ने आरोपों को फर्जी करार दिया और कहा, नवंबर 2022 में एक सह आरोपी के रिमांड आवेदन में प्रचारित किया गया कि मैंने अपना फोन नष्ट कर दिया है. जबकि मुझे ईडी ने पहली बार 7 मार्च 2023 को पूछताछ के लिए तलब किया था. ऐसे में आप 4 महीने पहले कैसे आरोप लगा सकते हैं? उन्होंने सवाल किया, आप कैसे कह सकते हैं कि मैंने अपने फोन से सबूत 'नष्ट' कर दिए? लोग फोन बदलते रहते हैं. मैंने अपना फोन बदल लिया और अपने कुछ पुराने फोन कर्मचारियों को दे दिए, क्योंकि उन्होंने अपने फोन को अपग्रेड किया था. के. कविता मैं अपने फोन अपग्रेड करती रही हैं. पुराना फोन अपने स्टाफ को दिया. जो लोग फोन खरीदते रहते हैं वे कुछ हफ्तों में ऐसा करते रहते हैं. वे फोन को खिलौनों की तरह बदलते रहते हैं. लोग गाड़ियां भी बदलते रहते हैं.

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