
'मिर्जापुर' के 'दद्दा त्यागी' की कहानी चुराकर बनाई गई थी आमिर खान की फना? लिलिपुट ने बताया वाकया
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एम. एम. फारुकी उर्फ लिलिपुट ने हाल ही में एक इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने अपनी लिखी हुई फिल्म 'शहादत' के बारे में बात की है. उन्होंने बताया कि वो फिल्म बना ही रहे थे कि तभी आमिर खान के साथ फिल्म 'फना' बना ली गई जिसकी कहानी 'शहादत' से मेल खाती थी.
पॉपुलर वेब सीरीज 'मिर्जापुर' के 'दद्दा त्यागी' उर्फ एम. एम. फारुकी अका लिलिपुट को भला कौन नहीं जानता. छोटा कद होने के बावजूद उन्होंने अपने काम और कला से अपना कद इंडस्ट्री में काफी ऊंचा किया है. लिलिपुट ने कई बॉलीवुड की फिल्मों में काम किया हुआ है. वो काफी समय से इंडस्ट्री में काम करते आ रहे हैं. उन्होंने कई सारे टीवी सीरियल में भी छोटे-छोटे रोल किए हुए हैं.
लिलिपुट एक्टिंग के साथ एक राइटिंग भी किया करते हैं. उन्होंने कई सारी फिल्मों की कहानी भी लिखी है. हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू भी दिया है जिसमें उन्होंने अपनी लिखी हुई फिल्मों के बारे में बात की है. उन्होंने खुलासा किया कि उन्होंने एक फिल्म की कहानी लिखी थी जिसे बाद में चुरा लिया गया और आमिर खान के साथ बनाया गया.
फना की कहानी लिलिपुट ने लिखी?
अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने साल 1988 में एक कहानी लिखी थी जिसका नाम उन्होंने 'शहादत' रखा था. वो फिल्म बनाने के लिए काफी मेहनत कर रहे थे लेकिन किसी कारणवश फिल्म नहीं बन पाई थी. लेकिन कुछ सालों के बाद, आमिर खान की फिल्म 'फना' रिलीज हुई जिसकी कहानी 'शहादत' फिल्म की कहानी से मेल खाती थी. पूरे मामले पर विस्तार से बात की और बताया, 'मैंने शहादत की कहानी साल 1988 में सोची थी. पहली बार वन लाइन सोची थी, जिसे मैंने शरद जोशी जी को सुनाई थी. उन्होंने उसकी तारीफ की और कहा कि इसको लिखो. मैं उस वक्त डायरेक्टर बनना चाहता था. मैं एक फिल्म शिकारी की शूटिंग करने के लिए रुस गया था. वहां मुझे 15 दिन का वक्त मिला और मैंने उतने में शहादत का स्क्रीन प्ले लिख डाला.'
उन्होंने आगे कहा, 'फिर जब रुस से वापस आया तब मैंने फिल्म के डायलॉग लिखे. फिर उसे आत्मा जी को सुनाया. उन्होंने मुझे कहा कि इसे एनएफडीसी में डालो. मैंने फिर पूरी कॉपी लिखी, खर्चे के लिए बीवी के जेवर बेचे और फिर उसे एनएफडीसी में जमा कर दिया. लेकिन वहां से मेरी कॉपी वापस आ गई. मैंने भी उसके बाद उम्मीद छोड़ दी.'
'शहादत फिल्म कई बार बंद पड़ी'

आशका गोराडिया ने 2002 में एक यंग टेलीविजन एक्टर के रूप में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कदम रखा था. 16 साल बाद उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया. इसका कारण थकान नहीं, बल्कि एक विजन था. कभी भारतीय टेलीविजन के सबसे यादगार किरदार निभाने वाली आशका आज 1,800 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन वाली कंपनी की कमान संभाल रही हैं.












