
मायावती की तैयारी यूपी के विधानसभा उपचुनावों को दिलचस्प बनाने जा रही है?
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मायावती बरसों बाद यूपी के उपचुनावों के लिए जोरशोर से तैयारी में जुटी दिखाई पड़ी हैं. उपचुनावों को लेकर बीएसपी नेता के इस कदर गंभीर होने की क्या वजह हो सकती है? क्या वो आकाश आनंद को स्थापित करने के लिए ऐसा कर रही हैं, या समाजवादी पार्टी को अपने तरीके से कोई सबक सिखाना चाह रही हैं?
उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. ज्यादातर सीटें विधायकों के लोकसभा चुनाव जीत कर संसद पहुंच जाने के कारण खाली हुई हैं. जिस तरह सारे ही राजनीतिक दल उपचुनावों की तैयारी कर रहे हैं, ऐसा तो आम चुनाव या विधानसभा चुनावों में ही देखने को मिलता है.
असल में, उपचुनावों की अहमियत लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बढ़ा दी है. सत्ताधारी बीजेपी की तो कोशिश है कि हर हाल में सभी सीटों पर जीत सुनिश्चित हो सके. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के सामने जैसे भी मुमकिन हो लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन बरकरार रखने की चुनौती है. बीएसपी नेता मायावती भी सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुकी हैं - और ऐसे में मुकाबला दिलचस्प तो होना ही है.
हाल ही में SC/ST कोटे में सब-कैटेगरी को लेकर आये सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मायावती ने आपत्ति जताई है - वैसे बीएसपी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने आरक्षण को लेकर बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोला है.
मायावती के मन में क्या है
बीजेपी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का तो उपचुनावों को लेकर एक्टिव होना समझ में भी आता है, लेकिन बीएसपी नेता मायावती का बढ़ा जोश थोड़ा हैरान करने वाला लगता है. मायवती तो शुरू से ही उपचुनाव लड़ने के खिलाफ रही हैं, लेकिन 2012 की चुनावी हार के बाद से तो बिलकुल भी उपचुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं देखी गईं. उपचुनावों को लेकर एक बार मायावती की राय भी सामने आई थी. मायावती की नजर में उपचुनावों के नतीजे अक्सर सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में ही आते हैं.
हालांकि, बीते कई साल में देखने को मिला है जब सत्ता में होने के बावजूद राजनीतिक दल उपचुनाव हार जाते हैं, और ऐसा कई राज्यों में बीजेपी के साथ भी हो चुका है - लेकिन यूपी का उपचुनाव तो बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. विशेष रूप से फैजाबाद लोकसभा क्षेत्रा की मिल्कीपुर विधानसभा सीट. मिल्कीपुर जीतने के लिए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो जैसे पूरी ताकत ही झोंक दी है.

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