
मंदिर में एक्ट्रेस से पूछी जाति, पति से मांगा हिंदू होने का सबूत, माथे पर लगाया टीका तब जाने दिया
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नमिता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर के एक ऑफिशियल ने उन्हें मंदिर में जाने से रोका और उनसे हिंदू होने का प्रूफ मांगने लगे. नमिता ने तमिलनाडु के मंत्री से मंदिर के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की.
साउथ फिल्मों की एक्ट्रेस और बीजेपी लीडर नमिता ने एक चौंकाने वाला आरोप लगाया है. सोमवार को मीनाक्षी सुन्दरेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंची थीं. उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर में दर्शन के लिए उन्हें हिंदू होने का प्रूफ दिखाने के लिए कहा गया.
नमिता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर के एक ऑफिशियल ने उन्हें मंदिर में जाने से रोका और उनसे हिंदू होने का प्रूफ मांगने लगे. तेलुगू, तमिल, मलयालम और कन्नड़ फिल्मों में काम कर चुकीं नमिता, तमिलनाडु में बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी की सदस्य भी हैं.
नमिता ने शेयर किया वीडियो वीडियो के साथ एक नोट शेयर करते हुए नमिता ने लिखा, 'ये पहली बार हुआ है कि मुझे अपने ही देश में इस तरह अलग महसूस करना पड़ा और अपनी ही जगह पर मुझे ये साबित करना पड़ा कि मैं हिंदू हूं! बात ये नहीं है कि मुझे ऐसा करने (हिंदू होने का सबूत देने) के लिए कहा गया, बल्कि बात ये है कि मुझसे ये किस तरह कहा गया. एक बहुत बदतमीज और अड़ियल ऑफिसर और उसके असिस्टेंट ने ऐसा किया.'
नमिता ने कहा कि 'ये फैक्ट तो जगजाहिर है' कि वो हिंदू ही पैदा हुईं और उनकी शादी तिरुपति में हुई है. उनके बेटे का नाम भगवान कृष्ण के नाम पर रखा गया है. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार नमिता ने कहा, 'मामला ये है कि उन्होंने बहुत बदतमीजी और अकड़ के साथ बात की और मुझसे मेरी जाति और धर्म साबित करने का सर्टिफिकेट मांगा.'
मंदिर के अधिकारियों ने दी ये सफाई हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार एक सीनियर ऑफिशियल ने कहा कि नमिता और उनके पति से पूछा गया था कि वो हिंदू हैं या नहीं क्योंकि वो मास्क पहने हुए थे और उन्हें मंदिर की परंपराओं के बारे में बताया गया.
पीटीआई के अनुसार ऑफिसर ने बताया कि उनकी सफाई मिलने के बाद, उनके माथे पर टीका लगाया गया और उन्हें मंदिर के अंदर ले जाया गया. जब नमिता से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब उन्होंने अपने धर्म को लेकर सफाई दी और माथे पर टीका लगा लिया तभी उन्हें जाने दिया गया.













