
भारतीय अर्थव्यवस्था को झटका, 5 फीसदी से नीचे आई Q3 जीडीपी
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सरकार ने दिसंबर तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी कर दिए हैं. पिछली तिमाही के मुकाबले दिसंबर की तिमाही में भारतीय इकोनॉमी की रफ्तार धीमी हुई है.
बढ़ती महंगाई और आर्थिक मंदी की आशंका के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा है. मंगलवार को आए जीडीपी के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं. ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2022 की तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की गति स्लो हुई और ये 4.4 फीसदी की दर से बढ़ी है. पिछली तिमाही के मुकाबले इस बार जीडीपी में गिरावट आई है. सितंबर 2022 की तिमाही में जीडीपी दर 6.3 फीसदी रही थी.
पिछली तिमाही का आंकड़ा
उच्च मुद्रास्फीति और कमजोर मांग का असर जीडीपी पर नजर आ रहा है, जिसकी वजह से दिसंबर तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 4.4 फीसदी की वृद्धि हुई है. जून-सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. अप्रैल-जून तिमाही में ये 13.5 फीसदी रही थी. 2021-22 की समान तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था 11.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी.
NSO ने 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि को संशोधित कर 8.7 प्रतिशत से 9.1 प्रतिशत कर दिया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट की वजह से दिसंबर की तिमाही की जीडीपी में गिरावट आई है.
RBI का अनुमान
इस महीने की शुरुआत में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि 2023-24 में जीडीपी 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद है. पहली तिमाही के लिए विकास दर 7.8 प्रतिशत आंकी गई है, जबकि दूसरी तिमाही में ये नंबर 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रह सकता है.













