
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में होंगे चुनाव, इलेक्शन कमीशन अगले हफ्ते पेश करेगा चुनावी रोडमैप
AajTak
बांग्लादेश चुनाव आयोग (EC) ने गुरुवार को कहा कि वह अगले हफ्ते आम चुनावों के लिए रोडमैप पेश करेगा. बांग्लादेश में आम चुनाव फरवरी 2026 में होना हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पहले ही 5 अगस्त को चुनाव फरवरी में कराने की घोषणा कर चुके हैं.
बांग्लादेश चुनाव आयोग (EC) ने गुरुवार को कहा कि वह अगले हफ्ते आम चुनावों के लिए रोडमैप पेश करेगा. बांग्लादेश में आम चुनाव फरवरी 2026 में होना हैं. चुनाव आयोग के सीनियर सचिव अख्तर अहमद ने मीडिया को बताया कि रोडमैप में हितधारकों से बैठकें और नियमों में संशोधन की रूपरेखा शामिल होगी.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पहले ही 5 अगस्त को चुनाव फरवरी में कराने की घोषणा कर चुके हैं. EC ने कहा कि चुनाव फरवरी के पहले हफ्ते में होंगे. ये घोषणा पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और अन्य दलों की शीघ्र चुनाव की मांगों के बीच आई है.
बता दें कि 5 अगस्त 2024 को स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) के हिंसक विरोध के बाद शेख हसीना की सरकार को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. 8 अगस्त को यूनुस ने अंतरिम सरकार संभाली. SAD का एक बड़ा धड़ा फरवरी 2025 में नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) बना चुका है.
हाल के दिनों में चुनाव को लेकर अटकलें बढ़ गई थीं, क्योंकि NCP नेताओं ने बिना सुधार और अंतरिम सरकार की ओर से शुरू किए गए मुकदमों की समाप्ति के चुनाव कराने की संभावना को खारिज किया है. बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी ने भी NCP के करीब आते हुए अनुपातिक प्रतिनिधित्व (PR) प्रणाली लागू करने की मांग तेज कर दी है.
NCP समन्वयक नसीरुद्दीन पटवारी ने कहा कि फरवरी में चुनाव हुए तो सरकार को सुधारों के लिए शहीद हुए भाइयों के शव लौटाने होंगे, वरना चुनाव नहीं होंगे. उन्होंने EC की समयसीमा को अवास्तविक बताया.
वहीं, जमात के नायब-ए-अमीर डॉ. सैयद अब्दुल्ला मुहम्मद ताहेर ने भी PR प्रणाली का समर्थन करते हुए कहा कि लोकतंत्र का मतलब है बहुमत की आवाज का सम्मान. उन्होंने BNP पर आरोप लगाया कि वह इसका विरोध कर रही है, क्योंकि इससे वोट चोरी और निरंकुशता पर रोक लगेगी.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की खास बातचीत में आतंकवाद विषय पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए गए. इस बातचीत में पुतिन ने साफ कहा कि आतंकवादियों का समर्थन नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि यदि आजादी के लिए लड़ना है तो वह कानून के दायरे में होना चाहिए. पुतिन ने ये भी बताया कि आतंकवाद से लड़ाई में रूस भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'पंद्रह साल पहले, 2010 में, हमारी साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था. पिछले ढाई दशकों में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने नेतृत्व और विजन से इस रिश्ते को लगातार आगे बढ़ाया है. हर परिस्थिति में उनके नेतृत्व ने हमारे संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ग्लोबल सुपर एक्सक्लूसिव बातचीत की. आजतक से बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि मैं आज जो इतना बड़ा नेता बना हूं उसके पीछे मेरा परिवार है. जिस परिवार में मेरा जन्म हुआ जिनके बीच मैं पला-बढ़ा मुझे लगता है कि इन सब ने मिलाकर मुझे वो बनाया है जो आज मैं हूं.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक के साथ खास बातचीत में बताया कि भारत-रूस के संबंध मजबूत होने में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वपूर्ण योगदान है. पुतिन ने कहा कि वे पीएम मोदी के साथ काम कर रहे हैं और उनके दोस्ताना संबंध हैं. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत को प्रधानमंत्री मोदी के साथ काम करने पर गर्व है और वे उम्मीद करते हैं कि मोदी नाराज़ नहीं होंगे.

आजतक के साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक खास बातचीत की गई है जिसमें उन्होंने रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी की क्षमता और विश्व की सबसे अच्छी एजेंसी के बारे में अपने विचार साझा किए हैं. पुतिन ने कहा कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी अच्छा काम कर रही है और उन्होंने विश्व की अन्य प्रमुख एजेंसियों की तुलना में अपनी एजेंसी की क्षमता पर गर्व जताया.

भारत आने से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आजतक की मैनेजिंग एडिटर अंजना ओम कश्यप और इंडिया टुडे की फॉरेन अफेयर्स एडिटर गीता मोहन के साथ एक विशेष बातचीत की. इस बातचीत में पुतिन ने वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपनी राय दी, खासतौर पर रूस-यूक्रेन युद्ध पर. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस युद्ध का दो ही समाधान हो सकते हैं— या तो रूस युद्ध के जरिए रिपब्लिक को आजाद कर दे या यूक्रेन अपने सैनिकों को वापस बुला ले. पुतिन के ये विचार पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह युद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी चिंता का विषय बना हुआ है.







