
फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ जारी किया अरेस्ट वारंट, जानें क्या है पूरा मामला
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फ्रांस ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद समेत चार लोगों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया है. ये मामला साल 2013 में विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए केमिकल हथियारों के इस्तेमाल से जुड़ा हुआ है. इसको लेकर फ्रांस की एक अदालत में याचिका दायर की गई थी.
फ्रांस ने सीरिया में नागरिकों के खिलाफ प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के लिए राष्ट्रपति बशर अल-असद, उनके भाई माहेर अल-असद और दो अन्य अधिकारियों के लिए गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है. ये वारंट मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराधों के आरोपों को लेकर जारी किया गया है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, अगस्त 2013 में सीरिया के डौमा और पूर्वी घोउटा जिले में केमिकल अटैक की आपराधिक जांच के मामले में वहां के राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है. इस हमले में एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे.
यह पहला अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट है, जो सीरिया के राष्ट्रप्रमुख के लिए जारी किया गया है. दरअसल सीरिया में साल 2011 में शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों को कुचलने के लिए सेना ने क्रूर कार्रवाई की थी, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने युद्ध अपराध के बराबर बताया है.
यह मामला सीरियन सेंटर फॉर मीडिया एंड फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन के वकील और संस्थापक माजेन दरविश ने फ्रांस में दायर किया था. उन्होंने कहा, ये पहला इंटरनेशनल गिरफ्तारी वारंट भी है, जो घोउटा में हुए केमिकल अटैक पर जारी किया गया है.
केमिकल हथियारों के इस्तेमाल से सीरिया का इनकार
हालांकि सीरिया रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार करता है लेकिन संयुक्त राष्ट्र और रासायनिक हथियार निषेध संगठन की पिछली संयुक्त जांच में पाया गया कि सीरियाई सरकार ने अप्रैल 2017 के हमले में नर्व एजेंट सरीन का इस्तेमाल किया था और बार-बार क्लोरीन को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है. सीरियाई राष्ट्रपति और सूचना मंत्रालय ने टिप्पणी के लिए तुरंत जवाब नहीं दिया.

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